Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

जिन के घरों में मोबाइल नहीं वह कैसे लेंगे ऑनलाइन क्लास: मदरसा शिक्षकों का गंभीर सवाल

आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े शोषित वंचित और गरीब तबके के जो छात्र मदरसों में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं उनको ऑनलाइन क्लास दिए जाने के लिए मदरसा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का सरकार की तरफ से मीडिया मे दिए गये स्टेटमेंट का मैं स्वागत करता हूं, लेकिन 3 साल पहले सरकार ने एनसीईआरटी सिलेबस मदरसों में मीडिया के माध्यम से लागू किया था. 3 साल बीतने के बाद भी उन मदरसा छात्रों को एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं कराई गई और एनसीईआरटी सिलेबस अब तक धरातल पर नहीं पहुंचा है.

By: वतन समाचार डेस्क

 

  • जिन के घरों में मोबाइल नहीं वह कैसे लेंगे ऑनलाइन क्लास: मदरसा शिक्षकों का गंभीर सवाल 

आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े शोषित वंचित और गरीब तबके के जो छात्र मदरसों में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं उनको ऑनलाइन क्लास दिए जाने के लिए मदरसा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का सरकार की तरफ से मीडिया मे दिए गये स्टेटमेंट का मैं स्वागत करता हूं, लेकिन 3 साल पहले सरकार ने एनसीईआरटी सिलेबस मदरसों में मीडिया के माध्यम से लागू किया था. 3 साल बीतने के बाद भी उन मदरसा छात्रों को एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं कराई गई और एनसीईआरटी सिलेबस अब तक धरातल पर नहीं पहुंचा है.

 



एजाज अहमद राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने कहा कहा कि ऐसे में उन गरीब छात्रों को ऑनलाइन क्लास दिए जाने की बात की जा रही है जिनके परिवार में ना तो एंड्राइड मोबाइल है ना तो टेबलेट है. ऐसे में उनको इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ना उपलब्ध कराए जाने की दशा में ऑनलाइन ट्रेनिंग की बात करना अपनी पीठ थपथपाने जैसा है।  

 

मदरसा शिक्षकों का बकाया: 4 साल से वेतन न मिलने का गुनहगार कौन?

 


एजाज अहमद राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन (आईमास) ने कहा कि शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दिए जाने की पहल एनसीईआरटी के माध्यम से होनी चाहिए और एनसीईआरटी के माध्यम से ही शिक्षको को लेटर जारी होने चाहिए दूसरी तरफ जो शिक्षक ऑनलाइन क्लास देंगे उनका 4 साल का केंद्राश मानदेय पेंडिंग है और इस महामारी के दौरान लॉकडाउन में उनको कोई भी राहत पैकेज नहीं दिया गया है उनके परिवार भुखमरी के कगार पर हैं सरकार को उनके लिए भी कोई राहत पैकेज जारी करना चाहिए। मदरसों की शिक्षा को ऊपर उठाने के लिए सरकार को ठोस योजनाएं बनानी चाहिए जो कि धरातल पर पहुंचे और मीडिया की सुर्खी ही बनकर न रह जाये।  सरकार को मदरसे के छात्रों को भी एंड्राइड मोबाइल टेबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए जिससे गरीब तबके के छात्र भी ऑनलाइन शिक्षा का लाभ उठा सकें. 

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.