Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

समय आ गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बंद कर दिया जाए? सूफियों का नेतृत्व 0%

नई दिल्लीः बीते शनिवार-रविवार को कानपुर में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। आयोजन में बोर्ड के मौजूदा पदाधिकारियों की पुष्टि की गई, साथ ही बोर्ड में खाली पदों पर नियुक्तियां की गयीं, इसके तहत मौलाना राबे हसनी नदवी बोर्ड अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे।

By: Abdus Samad

समय आ गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बंद कर दिया जाए? सूफियों का नेतृत्व 0%

 

नई दिल्लीः बीते शनिवार-रविवार को कानपुर में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। आयोजन में बोर्ड के मौजूदा पदाधिकारियों की पुष्टि की गई, साथ ही बोर्ड में खाली पदों पर नियुक्तियां की गयीं, इसके तहत मौलाना राबे हसनी नदवी बोर्ड अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे।


बोर्ड के पूर्व जनरल सेक्रेटरी अमीर-ए-शरीअत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी के देहांत के बाद से खाली पद पर मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया गया। साथ ही उपाध्यक्ष के पद पर मौलाना अरशद मदनी को नियुक्त किया गया।


बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इन नियुक्तियों पर सोशल प्लेटफार्म फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने सवाल खड़े किये हैं। उनका कहना है कि क्या अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दायरा सिकुड़ कर देवबंदी पर्सनल लॉ बोर्ड हो गया है? क्यों बोर्ड के बड़े पदों पर कोई शिया, अहले हदीस, सूफी या बरेलवी नहीं है? क्या बोर्ड देवबंदी मसलक के अलावा किसी अन्य मसलक के आलिम को बोर्ड के अध्यक्ष पद या किसी अन्य बड़े पद के लायक नहीं समझता? अहम बात यह है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नए उपाध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी और नए जनरल सेक्रेटरी मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी दोनों को देवबंदी कोटे से नियुक्त किया है, जबकि इससे पहले शिया कोटे से उपाध्यक्ष के तौर पर मौलाना कल्बे सादिक अपनी सेवाएं दे रहे थे।


ऐसे में सवाल पैदा होना अनिवार्य है कि क्या सिर्फ बोर्ड में उच्च पदों पर दे बंदियों के ही चौधराहट रहेगी या किसी और मसलक के लोगों को नियुक्त किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि बोर्ड में सूफियों का नेतृत्व 0% से भी कम है। ऐसे में बोर्ड को सामने आकर इस पर सफाई देनी चाहिए और बताना चाहिए कि वह कैसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड है?

 

ज्ञात रहे कि देवबंदी बोर्ड ही के कारण तीन तलाक़ के मामले में बोर्ड को रुस्वाई का सामना करना पड़ा और बोर्ड देवबंदी मसलक की तर्जुमानी की अपने ज़िद के कारण जीता हुआ केस हार गया और अपनी बात पर दलील क़ायम करने के लिए बोर्ड ने अदालत में कहा कि अगर तलाक़ ने दें तो क्या लड़कियों को ज़िंदा जला दिया जाये, जिस की सख्त आलोचना भी हुई। लोगों ने सवाल किया कि किसी की बेटी को संभलने का मौक़ा दिए बगैर कैसे एक सांस में तलाक़ तलाक़ तलाक़ कह कर उस को अलग किया जा सकता है। लोग कहने लगे कि हज़रत उमर के फैसले को बोर्ड मिस यूज़ कर रहा है। अगर बोर्ड उनके फैसले के एक पार्ट को लेता है तो दूसरे पार्ट जिस में पति को कोड़ा लगाने की बात कही गयी है, उस पर बोर्ड बात क्यों नहीं करता है?


लोगों ने उस वक़्त अहले हदीस मसलक को आगे रखने की बात कही लेकिन शर्मनाक बात यह रही कि इस मसलक के बड़े नेता मुस्लिम समुदाय में फसाद के डर से बोर्ड की हाँ में हाँ मिलाते नज़र और सीधे उन्होंने क़ुरआन और अहादीस की मुखालिफत की। बोर्ड भी अपनी ज़िद से पीछे नहीं हटा। सवाल यह भी पैदा होता कि क्या इस तरह से पूरी क़ौम को गुमराह करने का बोर्ड को हक़ हासिल है।


इसके अलावा जब वतन समाचार की टीम ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वेबसाइट का विश्लेषण किया तो पता चला कि बोर्ड की तकनीकी टीम काफी सुस्त है। बोर्ड की नवनियुक्तियों की जानकारी अभी तक 72 घंटे के बाद भी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराई गयी है। बोर्ड के पूर्व जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी की तस्वीर उनके देहांत के कई महीनों के बाद भी वेबसाइट पर जनरल सेक्रेटरी के कॉलम में लगी हुई है, उपाध्यक्ष के कॉलम में आज भी मौलाना कल्बे सादिक़ का नाम मौजूद है।

इस पर सवाल उठता है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस आधुनिक युग में इतना सुस्त कैसे हो सकता है? क्या बोर्ड में आधुनिक लोगों के लिए कोई जगह नहीं? अगर जगह है तो ऐसी लापरवाही क्यों? 

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.