क्यों फाइव स्टार होटलों तक जनता की पहुंच असम्भव है, इस लिए जनता के बीच में ही कांग्रेस के नेताओं को रात गुज़ारना होगा. आज राहुल गांधी अकेले संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राहुल की तरह सारे कांग्रेस के सीनियर और जूनियर नेताओं को संघर्ष करना होगा और हर स्तर पर करना होगा. सिर्फ राहुल गांधी के साथ तस्वीर खिंचवाने से खच होने वाला नहीं है .
आजादी के आंदोलन और संघर्षों से खड़ी हुई कांग्रेस पार्टी इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, हालांकि सियासी जानकारों का यह मानना है कि कांग्रेस पार्टी का बुरा दौर अब खत्म होने के करीब है. कांग्रेस पार्टी झारखंड महाराष्ट्र राजस्थान पंजाब समेत कई राज्यों में या तो सत्ता में है या सत्ता में भागीदार जरूर है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के कुछ नेता AC के कमरों के आदि हो गए थे और दिल्ली में बैठकर के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की पॉलिसिया बना रहे थे ऐसे में उनका जनता से दूर होना उनके लिए नुकसान देह हुआ और 2014 में वह सत्ता से बाहर हो गए.
आज सुबह-सुबह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और अन्टोप हिल से बीएमसी में पार्टी के सदस्य सुफियान नियाज़ ए वाणु ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया, तो लोगों को कांग्रेस के संघर्ष के दिनों की याद आ गयी. वह सुबह जब नींद से बेदार हुए तो एक तख्त पर थे, जहां उन्होंने रात गुजारी थी. इन दिनों वह बिहार के चुनावी रण पर हैं और दरभंगा समेत कुछ क्षेत्रों की उनको जिम्मेदारी मिली है, जहां पार्टी के कई दिग्गज नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
सुफियान नियाज़ ए वाणु जिस कमरे में रुके हुए थे उस कमरे में ना कोई बहुत ज्यादा डेंटिंग पेंटिंग थी और ना ही जिस कैंपस में रुके थे वह कैंपस भी कोई फाइव स्टार वाला था बल्कि वह आम साधारण सी बिल्डिंग नजर आ रही थी. कांग्रेस पार्टी को अगर सत्ता में आना है और जनता के साथ संवाद स्थापित करना है तो उसे अपने उसी संघर्ष के दिनों को याद करना होगा जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था और कांग्रेस पार्टी उसका नेतृत्व गांधी जी की अगुवाई में कर रही थी.
उस समय के कांग्रेस के नेता जमीन पर सोने के आदी हुआ करते थे. वह जनता से बराबर संवाद करते थे और जनता की समस्याओं का भरसक समाधान करते थे. ऐसे में सुफियान नियाज़ ए वाणु ने एक बार फिर उन महान कांग्रेसी नेताओं की याद दिला दी है जो संघर्षों में विश्वास रखते थे. यह तस्वीर ऐसे कांग्रेसी नेताओं के लिए एक संदेश है जो फाइव स्टार होटलों में बैठ कर के पार्टी चलाने में विश्वास रखते हैं.
कांग्रेस पार्टी के लिए जरूरी है कि अपने उन नेताओं को फाइव स्टार होटलों से निकाले और जमीन पर संघर्ष करने के लिए उतारे, जो दिल्ली में बैठकर के ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों या नक्सल क्षेत्रों की पॉलिसी बनाने में विश्वास रखते हैं, क्योंकि सत्ता उसी वक्त संभव है जब सीधे जनता से संवाद हो और अगर जनता से कांग्रेस का संवाद स्थापित हो गया और कांग्रेस अपने उसी पुराने दिनों की और लौट गई जो उसके संघर्ष के दिन थे तो उसको सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता है.
कांग्रेस को समय की मांग समझनी होगी क्योंकि आम आदमी पार्टी ने अपनी स्थापना के साथ ही जिस तरह से सड़क पर उतर कर के संघर्ष किया उसने राजनीति की दिशा और दशा बदल दी है. यह और बात है कि आम आदमी पार्टी अपनी डगर से भटक रही है, लेकिन जनता अब उन्हीं नेताओं को पसंद करती है जो जमीन पर उतर कर के सीधे जनता के साथ संवाद करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं, क्यों फाइव स्टार होटलों तक जनता की पहुंच असम्भव है, इस लिए जनता के बीच में ही कांग्रेस के नेताओं को रात गुज़ारना होगा. आज राहुल गांधी अकेले संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राहुल की तरह सारे कांग्रेस के सीनियर और जूनियर नेताओं को संघर्ष करना होगा और हर स्तर पर करना होगा. सिर्फ राहुल गांधी के साथ तस्वीर खिंचवाने से खच होने वाला नहीं है .
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.