दो और मदरसा शिक्षक सुनील और जितेंद्र की मौत
अभी जिला बलरामपुर के एक आधुनिक शिक्षक की मृत्यु हुई ही थी कि आज जिला महाराजगंज व कुशीनगर के एक शिक्षक 1- सुनील कुमार यादव मदरसा अशरफिया अहले सुन्नत बदरुल उलूम हरलाल गढ़ ब्लॉक नौतनवा जिला महाराजगंज और 2- मदरसा आधुनिक शिक्षक साथी जितेंद्र कुमार गुप्ता मकतब इस्लामिया आहलादपुर पटहेरवा कुशीनगर की हार्टअटैक से आकस्मिक मौत हो गई.
लंबे समय से मानदेय न मिलने के कारण मदरसा शिक्षक बहुत ही परेशान और उदास रहा करते थे. और जिसके कारण उनका हार्टअटैक पड़ने से निधन हो गया. एक के बाद एक मदरसा शिक्षक हार्टअटैक से मर रहे है. इसका जिम्मेदार कौन है? अगर सरकार ने मदरसा टीचरों को मानदेय दिया होता तो मदरसा टीचर असामयिक मृत्यु का शिकार ना होते।
इन शिक्षकों को केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 साल से केंद्राश मानदेय नहीं दिया गया था. करीब 6 महीने हो गए राज्याश मानदेय भी नहीं मिला है, जबकि माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने 220 करोड रुपए मौजूदा सत्र के लिए बजट प्रावधान किया था, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आधुनिकीकरण शिक्षको को मानदेय समय से नहीं मिल पा रहा है और एक के बाद एक 10 दिनों में 3 शिक्षक अपने जान गवा चुके हैं.
तीन मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के परिवार तबाह हो चुके हैं. ना तो उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और ना ही भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय इसकी जिम्मेदारी ले रहा है और सब से ताज्जुब की बात है कि 5 साल मानदेय न मिलने के बाद जब शिक्षक मरता है तो उसको कोई इंश्योरेंस कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिलती जबकि दूसरे विभागों में सबका इंश्योरेंस होता है.
एजाज़ अहमद अध्यक्ष IMASS ने कहा कि आधुनिकीकरण शिक्षको को इंश्योरेंस तक नहीं मिलता है उसके मरने के बाद उसके परिवार को भी फूटी कौड़ी नहीं मिलती है. यह भी बहुत बड़ा सौतेला व्यवहार है। सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
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