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UP CAA PROTEST: पुलिस पर बच्चों के साथ सेक्स करने का संगीन आरोप: JIH

जमात-ए-इस्लामी के राष्ट्रीय महासचिव मलिक मोतासिम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह का बर्ताव यूपी पुलिस ने किया है वह साफ दर्शाता है कि यूपी पुलिस स्टेट बन चुका है. उन्होंने कहा कि पुलिस पर बच्चों के साथ सेक्स करने का संगीन आरोप है जो पुलिस की मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से पुलिस ने 6 साल पहले दुनिया से जा चुकी व्यक्ति को वसूली का नोटिस भेजा है और जिस तरह से हज पर मौजूद व्यक्ति को वसूली का नोटिस भेजा है वह दर्शाता है कि पुलिस किस हद तक आगे बढ़ चुकी है और उसकी मंशा क्या है? उन्होंने कहा कि हमें कोर्ट से न्याय की उम्मीद है और हम इस के लिए कोर्ट में लड़ाई को जारी रखेंगे. नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के खिलाफ है और यह देश के दलित गरीब पिछड़ा आदिवासी मजदूर हिंदू मुसलमान सब के खिलाफ है.

By: वतन समाचार डेस्क

पुलिस पर बच्चों के साथ सेक्स करने का संगीन आरोप

  • जमाअत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बर्खास्त किया जाने औरयूपी पुलिस के द्वारा हिंसा के आरोपों की उच्च स्तरीय अदालती जांच की मांग की
  • उत्तर प्रदेश लोकतांत्रिक नहीं, पुलिस स्टेट बन चुका है
  • योगी सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए
  • पुलिस की रिपोर्ट से इतर  उच्च स्तरीय जांच की जरूरत
  • जांच रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में
  • पुलिस पर बच्चों के साथ सेक्स करने का संगीन आरोप
  • CAA संविधान पर हमला है
  • दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट से इतर उच्च स्तरीय जुडिशरी इंक्वायरी की जरूरत
  • सीलमपुर प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेशी थे या नहीं यह जांच का विषय, पुलिस रिपोर्ट पर भरोसा नहीं
  • 6 साल पहले दुनिया से जा चुके शख्श (इंसान) को वसूली का नोटिस भेजना पुलिस की मानसिकता दर्शाता है और यह स्पष्ट होता है कि उसके दावे में कितनी सच्चाई है
  • वसूली नोटिस असंवैधानिक कोर्ट से न्याय की उम्मीद

जमात-ए-इस्लामी के राष्ट्रीय महासचिव मलिक मोतासिम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह का बर्ताव यूपी पुलिस ने किया है वह साफ दर्शाता है कि यूपी पुलिस स्टेट बन चुका है. उन्होंने कहा कि पुलिस पर बच्चों के साथ सेक्स करने का संगीन आरोप है जो पुलिस की मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से पुलिस ने 6 साल पहले दुनिया से जा चुकी व्यक्ति को वसूली का नोटिस भेजा है और जिस तरह से हज पर मौजूद व्यक्ति को वसूली का नोटिस भेजा है वह दर्शाता है कि पुलिस किस हद तक आगे बढ़ चुकी है और उसकी मंशा क्या है?
 उन्होंने कहा कि हमें कोर्ट से न्याय की उम्मीद है और हम इस के लिए कोर्ट में लड़ाई को जारी रखेंगे. नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के खिलाफ है और यह देश के दलित गरीब पिछड़ा आदिवासी मजदूर हिंदू मुसलमान सब के खिलाफ है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हिंसा और अत्याचार 

जमाअत इस्लामी हिन्द सीएए विरोधी प्रदर्शनों पर नियंत्रण पाने के नाम पर उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा अपने ही नागरिकों पर हिंसा और अत्याचार की निंदा करती है। हम अपने इस मांग को दोहराते हैं कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बर्खास्त किया जाए क्योंकि वह अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी को अंजाम देने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने एक खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए राज्य की मशीनरी को नाजायज़ इस्तेमाल किया और भय का शासन स्थापित करने की कोशिश की। जमाअत इस्लामी हिन्द यूपी के मुख्यमंत्री की भड़काऊ भाषा की भी निंदा करती है। क्योंकि उन्होंने अपने ही नागरिकों बदला लेने की बात कही है। विश्वसनीय सूत्रों और फैक्ट फाइंडिंग टीमों की सूचनाओं के मुताबिक़ यूपी पुलिस ने कई अवसरों पर अंधाधुध फायरिंग की, घरों में घुसकर नागरिकों की संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाया और बुज़ुर्गों और नौजवानों को हिरासत में अत्याचार किया गया। ऐसा लगता है कि ये सारे अत्याचार सीधे तौर पर मुस्लिम आबादियों में किए गए हैं। इस हिंसा में बीस से अधिक लोगों के मारे जाने की ख़बर है। सैकड़ों लोग ज़ख़्मी हुए हैं और हज़ारों लोगों के खिलाफ़ विभिन्न धाराओं के तहत मुक़दमें दर्ज किए गए हैं। ऐसा लगता है कि यूपी पुलिस को किसी को भी गिरफ्तार करने का खुला लाइसेंस हासिल हैं। जमाअत इस्लामी हिन्द की मांग है कि यूपी हकूमत के द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ ये अत्याचारपूर्ण बर्ताव समाप्त हो। यूपी पुलिस के द्वारा हिंसा और तोड़-फोड़ के आरोपों की तहकीक़ात के लिए की एक उच्च स्तरीय अदालती जांच होनी चाहिए। जमाअत इस बात से अत्यंत निराश है कि उत्तरप्रदेश के विपक्षी दल अपने दायित्व को पूरा करने में असफल रहे और उन्होंने अपने ही नागरिकों पर यूपी पुलिस के द्वारा किए गए ख़ौफनाक अत्याचार के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई।

 

सीएए, एनआरसी और एनपीआर 

जमाअत इस्लामी हिन्द सीएए, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ देशव्यापी विरोध पर सरकार की ओर से उदासीन प्रतिक्रिया पर अत्यंत निराशा प्रकट करती है। लगभग प्रतिदिन ही देश के सभी शहरों, क़स्बों और देहातों में छात्र और नौजवानों द्वारा सुसंगठित और शान्तिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है। इस विरोध में हर उम्र, लिंग, धर्म और क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन विदेश के अंतर्राष्ट्रीय शहरों में भी आयोजित हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी इन प्रदर्शनों का नोटिस लिया है। इतने ग़म और गुस्से के बावजूद सरकार की ओर से उदासीनता का रवैया और बीजेपी शासित राज्यों के द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से इस बात का संकेत मिलता है कि सरकार को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खि़लाफ़ इस तरह की प्रतिक्रिया सामने आएगी और सरकार इस बात से भी वाक़िफ नहीं है कि अपने नागरिकों को किस तरह सुरक्षा प्रदान करे। एनआरसी को लेकर देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री एक दूसरे से अलग बयान दे रहे हैं। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से बात करने और उनके संदेहों को दूर करने की कोशिश करने के बजाए अप्रैल से एनपीआर को प्रक्रिया में लाने का एलान किया है। लोगों को एहसास है कि एनपीआर एक ऐसा माध्यम है जो एनआरसी को परोक्ष रूप से मदद और मंशा को पूरा करेगा। इसलिए राज्य सरकारों को चाहिए  कि  वह वह एनपीआर की प्रक्रिया उस समय तक आरंभ नहीं जब तक कि केंद्रीय सरकार सीएए और एनआरसी को वापस नहीं ले लेती। इस संदर्भ में जमाअत इस्लामी हिन्द ने ग़ैर बीजेपी राज्यों को पत्र भेजा है।

 

ननकाना साहिब गुरुद्वारा में घटित घटना 

जमाअत इस्लामी हिन्द पाकिस्तान में सिक्ख समुदाय के पवि़त्र मज़ार ननकाना साहिब गुरुद्वारा में घटित घटनाओं की निंदा करती है। यह पाकिस्तान सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह पवित्र स्थान की पवित्रता और सुरक्षा को विश्वसनीय बनाए और सिक्ख समुदाय के तीर्थयात्रियों और सदस्यों को किसी भी तरह की हिंसा और जान व माल को नुक़सान पहुंचने से बचाए। हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले को यथाशीघ्र हल कर लिया जाएगा और समय रहते कार्रवाई द्वारा इस बात को विश्वसनीय बनाया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा घटित न आए।

 

यह प्रेस सम्मेलन जमाअत इस्लामी हिन्द के केंद्रीय मुख्यालय दिल्ली में आयोजित हुई । सम्मेलन को जमाअत इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष सय्यद सआदतउल्लाह हुसैनी के अतिरिक्त जमाअत के उपाध्यक्ष इंजीनयर मोहम्मद सलीम और राष्ट्र्य सचिव मालिक मोतासिम खान ने भी सम्बोधित किया।

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