राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले केसी वेणुगोपाल और राजीव सातव दोनों ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। हालांकि पार्टी की तरफ से इन्हें चुनाव लड़ने के निर्देश थे।, दिल्ली में अजय माकन पर पार्टी को खत्म करने का आरोप है फिर भी इन को इनाम मिल रहा है, आखिर किस चीज़ का?
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने का आरोप झेलने वाले कांग्रेस के 23 नेताओं के हवाले से इंडिया एक्सप्रेस ने नया दावा किया है। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम इन साइड ट्रैक के अनुसार इस पत्र का निशाना ना राहुल गांधी थे ना सोनिया गांधी, बल्कि राहुल गांधी के ख़ास लोग थे जिन्हें तुगलक लेन क्लब के नाम से जाना जाता है, जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार पार्टी से जुड़े अहम मुद्दे को सोनिया गांधी राहुल गांधी के पास भेजती हैं। राहुल इन मामलों को हैंडल नहीं करते, बल्कि उनके कुछ करीबी नेता इस मामले को देखते हैं। जिनमें माना जा रहा है कि संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कुछ लोग शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार अजय माकन जो दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से खत्म कर चुके थे, जिन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से खत्म कर दिया और उन्हों ने सिटिंग काउंसलर तक के टिकट काट दिए, लोक सभा इलेक्शन हार गए और राजस्थान की कुछ जानकारी ना होने के बाद भी उन्हें राजस्थान का अचानक प्रभारी नियुक्त कर दिया गया। साथी केसी वेणुगोपाल पर आरोप है कि उन्होंने सोनिया गांधी के आदेश को भी लंबे समय तक लंबित रखा और उन्होंने लोक सभा इलेक्शन लड़ने से मना कर दिया उसके बाद भी उन्हें राज्यसभा का इनाम दिया गया।
यही हाल राजीव सातव का है, जबकि वह विवादों में भी रह चुके हैं। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार "कांग्रेस मे नेतृत्व परिवर्तन की मांग के लेकर 23 नेताओं की तरफ से लिखे गए पत्र का असली निशाना राहुल गांधी के दरबारी थे। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम इनसाइड ट्रैक के अनुसार इस पत्र का निशाना गांधी परिवार नहीं होकर राहुल के खास लोग जिन्हें तुगलक लेन क्लब के नाम से जाना जाता है, वे थे। मालूम हो कि पार्टी से जुड़े हर महत्वपूर्ण मुद्दे को सोनिया गांधी अपने बेटे के पास भेजती हैं। राहुल खुद इन मामलों को हैंडल नहीं करते हैं बल्कि उनके कुछ करीबी नेता इन मामलों को देखते हैं।
राहुल का यह खास वर्ग इतना ताकतवर है कि इन लोगों ने सोनिया गांधी के एक आदेश को तीन दिन तक लटकाए रखा। सोनिया गांधाी ने हाल ही में मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए पार्टी पर्यवेक्षकों के नामों के मंजूरी दी थी। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने तीन दिन तक इन नामों को अपनी तरफ से क्लियर नहीं किया। सामान्य रूप से राहुल गांधी बाहर से आने वाले लोगों से मिलने से कतराते हैं, वहीं केसी वेणुगोपाल गेटकीपर की भूमिका में होते हैं। राहुल गांधी के करीबी माने जाने केसी वेणुगोपाल और राजीव सातव दोनों ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।
हालांकि पार्टी की तरफ से इन्हें चुनाव लड़ने के निर्देश थे। फिर भी इन लोगों को राज्यसभा सांसद के रूप में पुरस्कृत किया गया। अजय माकन, जो लगातार दो लोकसभा चुनाव हार कर अपनी साख गंवा चुके थे और राजनीतिक गुमनामी में रह रहे थे, को राहुल के खास लोगों के साथ का फायदा मिला। अजय माकन को अचानक राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया गया है। जानकारों का मानना है कि अजय माकन को राजस्थान के बारे में कोई खास जानकारी नहीं हैं। मालूम हो कि कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक व्यापक बदलाव करने की मांग की थी।
पत्र लिखने वालों में पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कई कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे। इसमें पार्टी के मौजूदा नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। पत्र में एक “पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व” की बात कही गई थी।",
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.