क्या "Make in India" घाटे का सौदा था? जानिए प्रधानमंत्री मोदी की राय
वित्त सत्र 2022 और 2023 के बजट में "मेक इन इंडिया" पर भी जोर दिया गया है। और विश्व के लिए मेक इन इंडिया जैसे प्रावधान का सकारात्मक दिशा में उपयोग होगा। ठीक इस विषय पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने "Online Webinar" का आयोजन किया जिसमे उन्होंने इससे संबंधित बहुत सी बातें बताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, “इस बजट में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को लेकर जो निर्णय लिए गए है वह हमारे उद्योग और अर्थव्यवस्था दोनो के लिए काफी महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया अभियान आज 21वीं सदी के भारत की आवश्यकता भी है और यह हमें दुनिया में अपने सामर्थ दिखाने का भी अवसर देता है।”
वहीं नुकसान का सौदा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर किसी देश से कच्चा माल बाहर जाए और वो उसी से बने उत्पाद का आयात करे तो यह स्तिथि किसी भी देश के लिए घाटे का सौदा होगा। दूसरी तरफ भारत जैसा विशाल देश केवल बाजार बन कर रह जाए तो भारत कभी भी न प्रगति कर पाएगा न ही युवा पीढ़ी को अवसर दे पाएगा।
दूसरी ओर आपूर्ति श्रृंखला पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौर में हम देख रहें हैं की किस तरह विश्व में आपूर्ति श्रृंखला तहस नहस हुई है। और इन दिनों तो हम देख रहे है कि कैसे आपूर्ति श्रृंखला ने पूरी विश्व की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है।
इसके बाद सारे नकारात्मक बातों को देखते हुए प्रधानमंत्री सकारात्मकता की ओर बढ़े। उन्होंने सकारात्मक पहलू बताते हुए कहा कि “मेक इन इंडिया की जरूरत पहले से ज्यादा हो गई है। जिस देश में इतना भारी मात्रा में युवा पीढ़ी हो, वहां आवश्यकता के अनुसार कौशल श्रमशक्ति का विकास करना और लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करना महत्वपूर्ण हो जाता है। वहीं दुनिया आज लोकतांत्रिक मूल्यों की तरफ आग्रह और आशा भरी नज़रों से देख रही है।”
कैसे हम मेक इन इंडिया का सही दिशा में इस्तेमाल करें इस पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने विस्तार से अर्थ समझाया, उन्होंने कहा कि, “विश्व में मेक इन इंडिया अपने आप में यह एक ऐसा संकूट हमारे पास है जिसको ले कर हम कई बड़े सपने देख सकतें हैं। जिसके साथ साथ प्राकृतिक संपदा के हम धनी हैं। हमें इसका भरपूर इस्तेमाल मेक इन इंडिया के लिए करना ही चाहिए।”
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