नयी दिल्ली: जनगणना के पहले चरण और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर एनपीआर एक्सरसाइज जो 2020 में प्रस्तावित थी को खबरों के अनुसार अगले 1 साल के लिए सरकार ने टाल दिया है, क्योंकि करोना वायरस का कहर पूरी तरह से जारी है और अगले 1 साल तक इस की पूरी तरह से वैक्सीन आने और इस का डर ख़तम होने की संभावना काम है। भारतीय जनगणना दुनिया में सबसे बड़ा एडमिनिस्ट्रेटिव और स्टेटिस्टिक्स काम है जिसमें देश के एक कोने से दूसरे कोने तक लगभग 30 लाख से ज्यादा अधिकारी शामिल होते हैं, जो हर घर जाकर के इस काम को अंजाम देते हैं।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि Census इस वक्त जरूरी काम नहीं है। अगर इसे अगले 1 साल तक के लिए टाल दिया जाए दो इस से कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अधिकारी के अनुसार अभी इस बात का आखरी फैसला भी नहीं हुआ है कि जनगणना 2021 का पहला स्टेप कब उठाया जाएगा और एनपीआर अपडेट करने का काम कब से शुरू होगा, लेकिन करोना वायरस के बढ़ते कहर की वजह से यह बात तकरीबन तय हो गई है कि 2020 में यह होने नहीं जा रहा है। जनगणना के तहत हाउसलिस्टिंग और एनपीआर एक्सरसाइज करने का काम अप्रैल फर्स्ट से सितंबर 30 2020 तक निर्धारित था, लेकिन इसे करोना महामारी की वजह से पोस्टपोन (आगे) कर दिया गया है।
अधिकारी के अनुसार इस पूरी एक्सरसाइज में लाखों लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल होते हैं जो हर घर और हर फैमिली को टच करते हैं। इसलिए इसमें स्वास्थ्य का काफी खतरा है। ज्ञात रहे कि इस वक्त भारत में लगभग 80000 केस 1 दिन में रिकॉर्ड किए गए हैं और कुल केस की संख्या 36 लाख तक पहुंचने वाली है। इंडियन एक्सप्रेस ने एक अधिकारी के हवाले से दावा किया है कि इस वक्त सरकार की तर्जीहात में एनपीआर और Census शामिल नहीं हैं, क्योंकि करोना का कहर काफी ज्यादा हो चुका है।
ज्ञात रहे कि भारत में एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक एनपीआर को एनआरसी को एक साथ जोड़े जाने का लोगों में डर था। हालांकि सरकार की ओर से बार-बार इस बात की वजाहत की जा रही थी कि एनआरसी और एनपीआर दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है, लेकिन लोगों को यह डर सता रहा था कि एनपीआर एंड एनआरसी दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जिसकी वजह से लोग बड़े पैमाने पर धरने प्रदर्शन कर रहे थे। पूरे देश में हंगामे थे। जगह-जगह प्रदर्शन रैलियां जुलूस और लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर आ गए थे। इसी बीच करोना का क़हर आ गया और सरकार ने एनपीआर के प्रोसेस को पोस्टपोन कर दिया।
अब देखना यह है कि सरकार इस पर आगे कब काम करती है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार माना यही जा रहा है कि अब यह सरकार की तर्जीहात में नहीं है और अगले 1 साल तक इसको आगे बढ़ाया जा सकता हैं।
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