जब केजरीवाल ने भारत के सभी मुसलमानों को खलनायक बना दिया!!
नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी को लेकर चिंतित थी, उस समय राजनीति को नया आयाम देने के उद्देश्य से सियासत में उतरे दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली के मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाने में लगे थे. केजरीवाल उन्हें खलनायक बना रहे थे। केजरीवाल हर दिन दिल्ली के साथ-साथ निजामुद्दीन (मरकज़) का अलग-अलग बुलेटिन जारी करते थे, ताकि यह साबित किया जा सके कि दिल्ली और देश में कोरोना महामारी के असली गुनहगार दिल्ली और भारत के मुसलमान हैं. जिस के बाद पूरे देश में मुसलमानों का बहिष्कार शुरू हो गया। लोगों ने मुसलमानों से सब्जी लेना तक बंद कर दिया। लोगों के पहचान पत्र चेक किए जाने लगे और मुस्लिम नाम सामने आते ही उनका बहिष्कार शुरू हो गया।
कई मुसलमानों को केजरीवाल द्वारा फैलाई गई नफरत की कीमत भी चुकानी पड़ी और उन गरीब लोगों के स्टाल तक फेंक दिए गए। माहौल इतना जहरीला हो गया कि कुछ भी होने की आशंका विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की गई और भारत के मुसलमानों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बारूद के ढेर पर ला खड़ा किया। एक तरफ केजरीवाल की बोई हुई नफरत तो दूसरी तरफ गोदी मीडिया ने आग में घी डालने का काम किया, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉक्टर जफरुल इस्लाम खान ने स्थिति को बेकाबू होते देख एक्शन की बात कही, तब जा कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे रोका और मरकज़ का अलग से बुलेटिन बंद हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। केजरीवाल ने खुद एलजी (उपराज्यपाल) से मरकज़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया। मरकज़ और मौलाना साद को पूरे देश में खलनायक बना दिया गया।
भारत में मुसलमानों के प्रति घृणा भर गई। हालांकि इस बीच डॉ. एमजे खान और देश के कई हमदर्द आगे आए. उन्हों ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से अनुरोध किया, जिसके बाद पीआईबी-PIB की ओर से गाइडलाइन जारी की गई और फिर मीडिया पर लगाम लगाया जा सका।
ऐसे में आज जब मरकज़ खोलने का आदेश दिया गया है तो केजरीवाल एक बार फिर पूरी तरह खामोश हैं. आम आदमी पार्टी-AAP के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने आज कहा कि वह दिल्ली की अदालत के आभारी हैं और अपने वकीलों को धन्यवाद देते हैं, जिनके प्रयासों से मरकज़ खुल सका। श्री खान की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने बिना शर्त मरकज़ खोलने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कहा है कि सरकार मरकज़ से जो भी अंडरटेकिंग चाहे ले सकती है, लेकिन चाभी बिना किसी शर्त के मौलाना साद को तुरंत सौंपी जाए.
अमानतुल्लाह खान के नेतृत्व में वक्फ बोर्ड ने लड़ाई लड़ी. क्या उनमें से कोई (केजरीवाल या वक्फ बोर्ड) मरकज़ को हुए नुकसान की भरपाई करेगा? इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है।
केजरीवाल ने मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाना और नफरत फैलाना कभी बंद नहीं किया। उन्होंने CAB (नागरिकता संशोधन विधेयक) को लेकर शाहीन बाग आंदोलन पर हमला बोला, जो-CAB अब एक अधिनियम बन गया है और धमकी भरे शब्दों में कहा, "मुझे दिल्ली पुलिस दो और मैं एक घंटे में शाहीन बाग खाली करा दूंगा।" फिर दिल्ली दंगे होते ही केजरीवाल एकदम खामोश रहे और मौन धारण कर लिया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर केजरीवाल अपने विधायकों के साथ वहां पहुंचते तो दंगा नहीं होता या नुकसान बहुत कम होता.
दिल्ली जलती रही और केजरीवाल चुप रहे। ताहिर हुसैन पर जब आरोप लगे तो केजरीवाल ने तुरंत उन्हें पार्टी से निकाल दिया, लेकिन जब मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर आरोप लगे तो केजरीवाल उन्हें भगत सिंह की उपाधि देने से भी नहीं हिचकिचाये, जिसके बाद में सिख समुदाय ने आपत्ति जताई। आरोपी ताहिर हुसैन को बर्खास्त करने वाले केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन और सिसोदिया की बर्खास्तगी पर साफ तौर से मना कर दिया या खामोशी धारण कर ली.
जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलने लगे तो केजरीवाल की पार्टी ने इन कमजोर बंगाली लोगों पर तंज कसा और बुलडोजर ऑपरेशन का समर्थन किया और इन को बांग्ला देशी कहा गया. जब केजरीवाल की पार्टी से बिल्क़ीस बानो के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए कोई समस्या नहीं है और चुप रहे। ऐसे में केजरीवाल के लिए एमसीडी-MCD और हालिया चुनाव कितना आसान और कितना मुश्किल होगा, यह चुनाव के नतीजे बताएंगे।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.