ज़मानत मिलने के बाद भी क्यों जेल में बंद हैं “मौलाना उमर गौतम”?
मौलाना उमर गौतम जिन पर अवैध धर्मांतरण का आरोप था उन्हें निचली अदालत फतेहपुर से जमानत मिल चुकी है। फतेहपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने उमर गौतम को उनके खिलाफ चल रहे केस में जमानत दे दी है। करीब आठ महीने से जेल में बंद आरोपी उमर गौतम जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।
मौलाना के वकील Ziya Jilani सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी के भतीजे हैं, साथ ही वह जमीअत उलमा हिंद की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने ‘वतन समाचार’ से खास बातचीत में बताया कि “27 नवंबर 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक Unlawful conversion act लागू किया, जून 2021 में ATS ने मौलाना पर अलग-अलग केस दर्ज किए।”
इसके बाद उन्होंने कोर्ट में दलील रखी कि जितने भी अवैध धर्मान्तरण से संबंधित केस उमर गौतम के खिलाफ बताए गए वह सभी UP unlawful conversion act 2020 से पहले रिपोर्ट किए गए थे जबकि कानून बाद में बना है।
सिनियर एडवोकेट जिया जिलानी ने यह भी कहा कि कोर्ट ने उनके दिए हुए सभी तर्कों को माना है और विपक्ष कोई भी अवैध धर्मांतरण के सबूत देने में असमर्थ रहा। उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जितने भी धर्म परिवर्तन हुए वह सारे बिना किसी के दबाव में एवं खुद की मर्जी से हुए।
सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि एक भी धर्मांतरण अवैध नही था। सभी मामलें सही तरीके से होते थे और सरकार की देख रेख में किए जाते थे। एडवोकेट ने बताया कि मौलाना पर एक मामला फतेहपुर में भी दर्ज हुआ था जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह मदरसे में आए, उन्होंने वहां बच्चों को डराया, धमकाया और जबरदस्ती कलमा पढ़ाया।
इतना ही नहीं बात चीत में बताया गया कि “मौलाना पर अवैध धर्मांतरण के साथ साथ मनी लांड्रिंग, झूठ बोल कर विदेश भेजना, भड़काना, प्रताड़ित करना ED और रोजगार का लालच जैसे मामले भी दर्ज है। यह सब मामले अलग अलग है. जब तक यह सारे मामले साफ नहीं हो जाते उन्हे ज़मानत मिलना मुश्किल होगा।”
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