निर्दोष साबित होने वालों के लिए मुआवज़े के बारे में सरकार से बात करेंगे
अजित दादा पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव सैयद जलालुद्दीन का बयान
नई दिल्ली: एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव, अल्पसंख्यक विंग के प्रमुख और जाने-माने वकील एडवोकेट सैयद जलालुद्दीन ने आज दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हम बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 12 मुस्लिम युवकों को बरी करने के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मुस्लिम युवक अपने अकृत्यों (वह जुर्म जो उन्हों ने किया ही नहीं) के लिए वर्षों तक सज़ा काटने के बाद निर्दोष पाए गए हों। उन्होंने कहा कि अदालत का यह फैसला ऐतिहासिक है और इस फैसले ने एक बार फिर न्यायपालिका में लोगों का विश्वास मज़बूत किया है। उन्होंने कहा कि जब लोग निराश होते हैं, तो अदालतें ही आशा का स्रोत होती हैं। उन्होंने कहा कि मैंने यह भी सुना है कि सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही है, लेकिन हम सरकार में हैं और उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत दादा पवार से बात करेंगे और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि उन्हें मुआवज़ा मिले और असली अपराधी पकड़े जाएँ। उन्होंने आगे कहा कि हम मुस्लिम बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए वे सभी सुविधाएँ देंगे जो एससी/एसटी बच्चों को दी जाती हैं ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और दुनिया में देश का नाम रोशन कर सकें। इसके लिए मौलाना आज़ाद फाउंडेशन का बजट 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ कर दिया गया है और केंद्र सरकार से 500 करोड़ की माँग भी की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अजित पवार एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं और जब महाराष्ट्र में बुलडोजर चलाने की बात आई, तो हमने स्पष्ट कर दिया कि यह यूपी या बिहार नहीं है और अजित दादा पवार ने बुलडोजर को तुरंत रुकवाने का काम किया। उन्होंने कहा कि जब कुछ लोगों ने अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुँचाने की बात कही, तो उस पर भी उन्हें तुरंत चुप करा दिया गया। उन्होंने कहा कि उर्दू अकादमी का बजट 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने पर काम चल रहा है।
एडवोकेट सैयद जलालुद्दीन ने कहा कि हम महाराष्ट्र में उर्दू अकादमी को अल्पसंख्यक विभाग से कला एवं संस्कृति विभाग में स्थानांतरित करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उर्दू को राष्ट्रीय सांस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता मिल सके। उन्होंने कहा कि हम इज़राइल और अमेरिका द्वारा समर्थित गाजा में जारी नरसंहार की कड़ी निंदा करते हैं। हम भारत सरकार से राजनयिक माध्यमों से हस्तक्षेप करने और स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की स्थापना में सहायता प्रदान करने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि मौलाना आज़ाद फाउंडेशन को पुनः सक्रिय किया जाए ताकि अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों और कल्याणकारी परियोजनाओं को समर्थन मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि अब धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता पर बहस खत्म हो गई है, जब कांग्रेस शिवसेना के साथ गठबंधन कर सकती है, जिसके बारे में यह स्पष्ट है कि शिवसेना बाबरी को मस्जिद के रूप में मान्यता देने को तैयार नहीं थी और कह रही थी कि हमें ढांचा गिराने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि जो शिवसेना मुसलमानों से मताधिकार छीनने की बात करती थी, वह अब धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि हम अल्पसंख्यकों के मुद्दों को पूरी ताकत से उठाएंगे और पार्टी हर उत्पीड़ित व्यक्ति के साथ खड़ी है और किसी को भी इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अजीत दादा एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं।
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