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मुशावरत चुनाव: आरोप-प्रत्यारोप के बीच मोहम्मद अदीब ने नामांकन वापस लिया

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मोहम्मद अहमद नई दिल्ली, 05 दिसम्बर वतन समाचार न्यूज़ आरोप-प्रत्यारोप के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात (AIMMM) का चुनाव शुरू हो चूका है. ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात के इलेक्शन में एक बार फिर गर्माहट आ गई है. 2015 में अध्यक्ष पद के लिए इलेक्शन लड़ने वाले मोहम्मद अदीब अभी तक अपनी पराजय स्वीकार नहीं कर पाए हैं. वरिष्ठ पत्रकार AU आसिफ की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा लगता है कि कुछ लोगों के लिए अध्यक्ष का बदलाव महज बदलाव रह गया है. उन्होंने रिपोर्ट करते हुए लिखा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात के कुछ वरिष्ठ सदस्य अध्यक्ष बदलने के लिए एक पूर्व उप-राष्ट्रपति के पास पहुंच गए और उनसे ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात के अध्यक्ष का इलेक्शन लड़ने की अपील की, जब उन्होंने इलेक्शन लड़ने से मना कर दिया उसके बाद यह सम्मानित सदस्य एक पूर्व ब्यूरोक्रेट के पास पहुंच गए. जब उन्होंने इलेक्शन लड़ने से मना कर दिया उसके बाद एक पूर्व सांसद को आगे कर दिया गया है. ऐसा लग रहा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे सिर्फ मुशावरात का अध्यक्ष बदलने के लिए ही सब कुछ हो रहा है.
AU आसिफ अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि ऐसे दौर में जबकि जमीअत के दोनों धड़े मौलाना अरशद मदनी और मौलाना महमूद मदनी के साथ साथ IOS के डॉक्टर मंजूर आलम समेत कुछ अहम लोग ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात से करीब हुए हैं, ऐसे में अंदर के लोगों का ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात से दूर होना ठीक नहीं है.
AU आसिफ अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि अध्यक्ष रहते हुए डॉक्टर ज़फ्रुल इस्लाम खान ने जो काम किए हैं उसे कोई नकार नहीं सकता. वह लिखते हैं कि बटला हाउस एनकाउंटर के बाद मुसलमानों में शोक का माहौल था इस माहौल से निकालने में ज़फ्रुल इस्लाम खान का बड़ा रोल था. उन के दौर में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात के दोनों धड़े एक हुए, जो अपने आप में एक बड़ा कारनामा है. डॉक्टर ज़फ्रुल इस्लाम खान ने हिम्मत के साथ मिल्लत की रहनुमाई की और उन के दौर में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात का तारीखी प्रोग्राम हुआ. इसी तरह नवेद हामिद ने मुशावरत की बिल्डिंग को मुस्लिमों संगठनों के लायक बनाया और उसे 09 संगठनों से बढ़ा कर 18 संगठनों तक पहुँचाया, सदस्यों के संख्या 167 से 216 हुई. ज्ञात रहे कि मोहम्मद अदीब ने इस बार (2017) भी अध्यक्ष पद के लिए इलेक्शन लड़ने का आवेदन दिया था लेकिन बीते रोज उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. नाम वापस लेने के बाद उन्हों ने नवेद हामिद की अगुवाई वाली मुशावरत पर कई आरोप लगाए.
सभी आरोपों का जवाब देते हुए नवेद हामिद में एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि कोई भी संस्था रिवायत और दस्तूर(संविधान) दोनों से चलती है. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात (AIMMM) भी ऐसे ही चल रही है. नवेद हामिद ने बताया कि 2015 में जो इलेक्शन ऑफिसर थे उन को ही 2017 में भी इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त किया गया है, तब यह दस्तूर था और अब यह दस्तूर के खिलाफ है? यह कैसे हो सकता है?
उन्हों ने बताया कि 2015 के ही इलेक्शन फोर्मेट को ही इस बार भी कॉपी पेस्ट किया गया है, उसमें किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जहाँ तक अंतिम दिनों में सदस्य बनाने का मामला है तो
2015 में आमेला की आखिरी मीटिंग 3 अक्टूबर 2015 को हुई थी और इलेक्शन का नोटिफिकेशन 11 नवंबर 2015 को हुआ था, और इस दौरान 8 नामों को बढ़ाया गया था इस बार भी इसी तरह आमला की मीटिंग के बाद 14 नामों को बढ़ाया गया है. अगर यह पहले सही था तो अब कैसे गलत हो सकता है.
नवेद हामिद ने बताया कि जिन 14 सदस्यों को बढ़ाया गया है उन में से मध्य प्रदेश यूनिट ने पांच नाम भेजे थे इस में से 2-3 नामों को ही मंजूरी दी गई है. इसी तरह JAH (जमीअत अहले हदीस) ने 2 नाम भेजे थे. उन्होंने बताया कि हमने किसी को भी ऐसे ही सदस्य नियुक्त नहीं किया है. उन का कहना है कि
लिंचिंग को लेकर हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं जबकि यह आरोप बेबुनियाद हैं, हमने लिंचिंग पर एक बार नहीं कई बार बोला है और इस सिलसिले में AIMMM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भी लिंचिंग जैसी घटनाओं पर रोक लगाने और दोषियों को दंडित करने का मुतालबा किया है
, जिसकी पूरी तफसील AIMMM की वेबसाइट पर मौजूद है. नवेद हामिद ने बताया कि नदवतुल उलेमा के सीनियर उस्ताद अतीक़ बस्तवी साहब को सदस्य नियुक्त किया गया है. मैं आरोप लगाने वालों से यह पूछना चाहता हूं कि यह कोई छोटा नाम है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सदस्य नियुक्त किया गया है, वह एक से बढ़कर एक है और कोई भी 19 (किसी से कम) नहीं है.
उन्हों ने बताया कि 03.75 लाख से बढ़ कर 56 लाख मुशावरत का सालाना खर्च हुआ है, और अगर मौक़ा मिला तो कुछ और किया जायेगा. उन्हों ने बताया की मै ने तो गवर्निंग बॉडी को अपना नाम भेज दिया था और उस की सहमती मिलने के बाद ही मैदान में आया हूँ.
ज्ञात रहे कि नवेद हामिद कई बार कह चुके हैं कि लोग जिसे चाहें लड़ाएं. काम करने के लिए जगहों की कमी नहीं है. contact number 9971837315

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