मोहम्मद अहमद
नई दिल्ली 16 दिसम्बर, वतन समाचार न्यूज़:
चर्चा पर्चा खर्चा के जरिए चुनाव लड़ कर सत्ता में आने वाले नेताओं के बारे में जनता की राय यही होती है कि वह सत्ता में आने के बाद जनता के कामों में दिलचस्पी न ले कर वह चुनाव के दरमियान खर्च किए अपने पैसों को बटोरने में लग जाते हैं, और आम आदमी से पूरी तरह अलग हो जाते हैं या उनके इर्द-गिर्द के लोगों उनको जनता से काट देते हैं.
इस बीच मिशन तालीम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हवाले से बड़ी खबर जारी की है. निशन तालीम के डायरेक्टर इकराम की ओर से मीडिया को जारी प्रेस नोट में मिशन तालीम के जरिये शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों को गिनाया गया है. मिशन तालीम ने इस अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हवाले से उस पत्र को जारी किया है जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक आम दिल्ली निवासी को लिखा.
पुल-पहलाद पुर निवासी मोहम्मद यूनुस को लिखे पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिखा है,
प्रिय मोहम्मद यूनुस जी,
"आपके बच्चे मंतशा का एक अच्छे प्राइवेट स्कूल में दाखिला हुआ है, जिसके लिए बहुत-बहुत बधाई". ऐसा शायद पहला मौक़ा है जब किसी मुख्यमंत्री ने जनता से पत्र लिखकर सीधे संवाद किया हो.
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आगे बहुत बड़े आरोप लगाए हैं. उन्होंने लिखा है कि आजकल के जमाने में स्कूल में दाखिला कराना बड़ा मुश्किल है. एक जमाना था जब स्कूल में दाखिले के लिए दलालों को हजारों रुपए देने पड़ते थे, और धक्के खाने पड़ते थे. हमारी सरकार ने इस व्यवस्था को ठीक किया है. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आपको अपने बच्चे का दाखिला कराने के लिए किसी को पैसे तो देने नहीं पढ़े. अपने बच्चे की पढ़ाई पर ध्यान देना उसे अच्छी शिक्षा देकर बड़ा नाम कमाना है.
यह सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि अब दिल्ली में ईमानदार सरकार है. हम हर सरकारी काम में पैसा बचा रहे हैं. सरकारी कामों में रिश्वतखोरी खत्म की है. इस से पैसा बचने लगा है, जिस से हम आपकी इतनी सेवा कर पा रहे हैं. हमारी सरकार बच्चों की पढ़ाई पर खास ध्यान दे रही है. कभी किसी चीज की जरूरत हो तो बेहिचक बताना.
आपका भाई
अरविंद केजरीवाल
किसी मुख्यमंत्री के पत्र में ऐसा पहली बार लिखा देखने को मिला है जब उसने जनता को भाई कहकर संबोधित किया हो. वरना अभी तक हम और आप ... आगे नहीं बढ़ सके हैं.
मीडिया को जारी इस पत्र में मिशन तालीम की ओर से दावा किया गया है कि "मंतशा" के एडमिशन को मिशन की कोशिशों से अंजाम दिया गया है. ज्ञात रहे कि मिशन तालीम देश के विभिन्न राज्यों के प्राइवेट स्कूलों में उन बच्चों के फ्री एडमिशन के लिए कार्य कर रहा है जो पैसे की कमी की वजह से शिक्षा से वंचित रहते हैं, या रेल की पटरियों के बीच में कूड़े कचरे चुनते नजर आते हैं. कई बार मिशन तालीम की कोशिशों की मीडिया और समाजिक जगत में पज़ीराई भी हुई है, और इसे एक सराहनीय कदम बताया गया है.