अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात का इलेक्शन पूरी तरह अस्मिता का सवाल बन गया है. पार्टी ने इस इलेक्शन को पूरी तरह से अपने वक़ार से जोड़ने की कोशिश की है. पार्टी गुजरात इलेक्शन जीतने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रही है. अब पार्टी ने 'मन की बात चाय के साथ' प्रोग्राम करने का फिसला किया है.
पहले बीजेपी ने पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया उसके बाद कुछ और तरीके उसके बाद कुछ और तरीके उसके बाद पार्टी ने जादूगरों की फौज ग्रामीण इलाकों में उतारने का फैसला किया. अब छठी बार जीत के लिए गुजरात में बीजेपी पूरी ताकत झोंक देना चाहती है.
बीजेपी को जहां गुजरात में कांग्रेस समेत अपोजीशन पार्टियां जबरदस्त टक्कर दे रही हैं. वही उसके अपने ही उस के लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं. पार्टी ने इन से निमटने के लिए अलग अलग हरबों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. पार्टी ने फैसला किया है कि वह 'मन की बात चाय के साथ' प्रोग्राम का आयोजन करेगी जिसके ज़रिये 50,000 बूथों तक पहुंचेगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 26 नवंबर को गुजरात बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव चाय के साथ प्रोग्राम की शुरुआत करेंगे. सबसे पहले पार्टी पहले चरण में होने वाले क्षेत्रों में जाएगी, उसके बाद दूसरे चरण में होने वाले क्षेत्रों में पार्टी जाएगी.
ज्ञात रहे की 2014 के लोकसभा चुनाव में चाय पर चर्चा के जरिए पार्टी ने पूरे देश के माहौल को बीजेपीमय बनाने की कोशिश की थी, जिस में वह कामियाब रही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने 'मन की बात' प्रोग्राम से देशवासियों को संबोधित करते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि bjp का यह प्रोग्राम 'मन की बात चाय के साथ' 18 दिसंबर 2017 को क्या गुल खिलाता है. ज्ञात रहे की दो चरणों में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे.