Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

गुजरात में कांग्रेस के प्रचार का मिथक

दिनांक : 09 दिसम्बर, 2017 - अरुण जेटली वर्ष 2002 से गुजरात विधानसभा चुनावों में लगातार हिस्सा लेने के कारण मैं 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव अभियान पर अपने विचार व्यक्त करने का मोह नहीं छोड़ पा रहा। गुजरात के संदर्भ में जब हम कांग्रेस पार्टी के प्रचार अभियान का मूल्यांकन करते हैं, तो यह बात सामने आती है कि उन्होंने अपने प्रदेश नेतृत्व को पूरी तरह निष्क्रिय और समाप्त कर दिया है। एक तरह से देखा जाए तो कांग्रेस ने अपने नेतृत्व और मुद्दों को ऐसे लोगों को आउट सोर्स कर दिया है, जिनका कांग्रेस से परम्परागत रूप से कोई जुड़ाव नहीं रहा है। प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के संगठन का कोई एक नेता नहीं नजर आता जो पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहा हो। कांग्रेस जिन मुद्दों को लेकर 2002 से प्रचार कर रही थी, इस चुनाव में उन मुद्दों को छोड़कर सामाजिक विभेद और ध्रुवीकरण का एजेंडा अपना चुकी है। ऐसे ही एजेंडों की कीमत गुजरात को 80 के दशक में चुकानी पड़ी थी। आज का गुजरात उस संकीर्ण जातिवादी सोच से आगे बढ़ चुका है, इसलिए अब यहाँ की जनता उस प्रयोग को स्वीकार नहीं करेगी। कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार में गुजरात के “विकास मॉडल’ को एक छलावा बताने का दुष्प्रचार कर रही है। कांग्रेस के इस दावे को हाल ही में जारी आंकड़े सिरे से खारिज करते हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि 2012 और 2017 के बीच गुजरात अकेला ऐसा राज्य है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद लगातार 10 फीसदी से ज्यादा रहा है। विकास की सकारात्मक प्रतिस्पर्धा में दूसरे पायदान पर तेजी से विकास करने वाले मध्यप्रदेश से भी गुजरात की विकास दर 2% अधिक रही है। आर्थिक अस्थिरता के दौरान भी गुजरात का विकास दर दो अंकों में रहा है। इस कालखंड में चीन की विकास दर भी 6.5% से अधिक नहीं हो सकी है। 7% की विकास दर के साथ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, ऐसे में देश के किसी बड़े राज्य का 10% की विकास दर तक पहुंचना, अप्रत्याशित कहा जा सकता है। ऐसी विकास दर को लगातार 5 साल बनाए रखना, गुजरात के विकास के उस मॉडल की सफलता का प्रमाण है, जिसे कांग्रेस नकार रही है। कांग्रेस के प्रचार अभियान का दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु 49% से अधिक आरक्षण देने का वादा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 1992 के बाद बार-बार स्पष्ट किया है कि आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं दिया जा सकता है। जिन राज्यों ने भी इस सीमा से ज्यादा आरक्षण देने की कोशिश की, उन्हें संवैधानिक अवरोध का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस और PAAS ने गुजरात के लोगों को 50% से ज्यादा आरक्षण देने का वादा किया है। यह वादा एक छलावा है और संवैधानिक तौर पर असंभव भी है। भारत की न्याय व्यवस्था इसकी इजाजत नहीं देती है। कांग्रेस के पास अपना खुद का कोई विकास मॉडल नहीं है, ऐसे में कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र में किये गये वादे भी वित्तीय तौर पर ख्याली पुलाव पकाने से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। गुजरात की कुल राजस्व आय 90 हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष है, जबकि कांग्रेस ने 20 हजार करोड़ के कर माफ़ी की घोषणा की है। इसके कारण गुजरात की कुल राजस्व आय 70 हजार करोड़ तक कम हो जायेगी। इसमें केन्द्रीय अंतरण और FRBM कानून के तहत 3% की सीमा वाले ऋण को भी मिला लिया जाए तो वेतन, पेंशन, सामाजिक और विकास व्यय की प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने के बाद गुजरात के बजट में कोई अधिशेष नहीं बचता है। कांग्रेस के घोषणापत्र में 1 लाख 21 हजार करोड़ के अतिरिक्त खर्च वाले लोक-लुभावन वादे भी किए गये हैं। इसके मायने ये निकलते हैं कि कांग्रेस राज्य की आय को कम करेगी और व्यय को दोगुना करेगी। यह किसी वित्तिय चमत्कार से भी संभव होता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस के घोषणापत्र में ये दो महत्वपूर्ण बिंदु गौर करने योग्य हैं, जिसमें से एक संवैधानिक तौर पर असंभव दिखता है, तो दूसरा वित्तीय तौर पर असंभव नजर आता है। कांग्रेस पार्टी ऐसे वादे सिर्फ इसलिए कर रही है, क्योंकि उसकी जीत राजनीतिक तौर पर असंभव दिखने लगी है। (लेखक भारत सरकार में वित्त मंत्री और मशहूर वकील हैं, उनकी राय से "वतन समाचार" की सहमति जरूरी नहीं है)

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.