manjinder singh sirsa[/caption]
उन्होंने कहा कि संविधानकी धारा 25 के अंतर्गत हरेक को अपनीमर्जी का धर्म अपनाने की खुल है परन्तु इसकी एक व्यवस्था असमानता खत्म करनेके लिए सोधनी जरूरी है.
उन्होंने कहा किइस उप धारा के अंतर्गत बुद्ध, जैन और सिखों को हिंदु धर्म का ही हिस्सा बताया गया है जबकि इसके अगले हिस्से में इन कोअलग धर्म भी बताया जा रहा है जिस कारणगैर अपेक्षित भंबल भूसा बन गया है औरधारा 25 का मुख़्य मंतव्य ही इस के साथ खत्म होता नजर आ रहा है.
सिरसा ने कहा कि यह भेदभाव दशकों सेजारी है और सि1ख और अन्य अल्पसंख़्यक इस मामले पर न्याय हासिल करने के लिएजब जहद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यहउपयुक्त समय हे जब दिल्ली और अन्य राज्योंकी विधान सभाएं ऐसे मता पास कर अल्पसंयकको की मांग की हिमायत करें.
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