गुजरात चुनाव का बिगुल बजने और टिकट बटने के बाद नेताओं के बागियाना तेवर देखने के लायक हैं. आलम यह है की इन नेताओं के बागियाना तेवर ने कल पूरी रात बी.जे.पी. प्रेसिडेंट अमित शाह की नीद उड़ा दी. उन्हों ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी को तत्काल प्रभाव से अपने इस्तीफे तक सौंप दिए. जिस के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को मोर्चा संभालना पड़ा.
बताया जा रहा है कि अमित शाह कल (शुक्रवार) देर रात तक गुजरात बीजेपी के दफ्तर में मौजूद रहे. इस दौरान वह डैमेज कंट्रोल की हर मुमकिन कोशिश करते रहे. लेकिन, उनकी कोशिश क्या रंग लाती है, यह अभी देखने वाली बात होगी. दरअसल बीजेपी ने 17, नवम्बर को अपनी पहली सूची जारी की थी. जिस के बाद दावा किया गया था इस लिस्ट पर कोई विवाद नहीं होगा. लेकिन, पहली सूची आने के बाद शाम तक ही पार्टी में इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ बीजेपी के नेता ही नाराज़ हों, बल्कि कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए भोलाभाई गोहिल भी नाराज हैं. उन्होंने जसदण सीट से टिकट मांगा था, लेकिन टिकेट नहीं मिला. जबकि वह इस सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. गोहिल ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग भी की थी, लेकिन इस सीट से भरत बोगरा को टिकट दिया गया. वह आज जीतु वाघानी से मुलाकात करेंगे.
टिकट का ऐलान होने के बाद अंकलेश्वर विधानसभा सीट पर भाई ने ही अपने भाई के टिकट का विरोध किया है. भरुच जिला पंचायत के सदस्य वल्लभ पटेल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने वाले वल्लभ पटेल, ईश्वर पटेल के सगे भाई हैं. अंकलेश्वर सीट से वल्लभ ने भी टिकट की मांग की थी. उधर दशरथ पुवार ने भी जिला बीजेपी महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
वडोदरा में दिनेश पटेल को टिकट दिए जाने से बीजेपी में बगावती सुर खड़े होने लगे है. पादरी जिला पंचायत और तहसील पंचायत के नेता कमलेश पटेल ने भी इस्तीफ़ा दिया है. वहीं वडोदरा जिला महामंत्री चैतन्य सिंह झाला ने भी पार्टी को इस्तीफा दे दिया है.