एक बार फिर आज़ाद ने पार्टी के बारे में बयान देकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है। जो वफादार होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इस से पार्टी और देश को नुकसान होगा।
एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद आनंद शर्मा को बाईपास करने के लिए अहमद पटेल और कैसी वेणुगोपाल पर आधारित एक कमेटी गठित कर दी है, वहीं कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर के सुर्खियों में आए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर अपने तेवर सख्त कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर सीडब्ल्यूसी और हम पदों पर चुनाव नहीं हुए तो 50 साल तक विपक्ष में कांग्रेस रह जाएगी। ज्ञात रहे कि बीते दिनों गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। आरोप है कि उन्होंने पत्र के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। पत्र लिखने वाले अकेले आजाद नहीं थे, बल्कि गुलाम नबी आजाद के साथ 22 और नेता थे जिन्होंने पत्र लिखा था।
आरोप है कि वह भाजपा के साथ मिले हुए हैं, हालांकि बाद में इन आरोपों का पार्टी की ओर से खंडन किया गया और कहा गया कि ऐसे कोई आरोप कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने नहीं लगाए हैं। इसके बाद ऐसा लग रहा था कि मामला शांत हो गया है, लेकिन आज फिर एक बार गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि अगर प्रमुख पदों पर चुनाव नहीं हुए तो पार्टी अगले 50 सालों के लिए विपक्ष में चली जाएगी और सत्ता में आना उसके लिए मुश्किल होगा। गुलाम नबी आजाद ने सीडब्ल्यूसी और संगठन के कुछ प्रमुख पदों पर चुनाव कराने की मांग सामने रख दी है। आजाद ने कहा है कि जो भी लोग चुनाव का विरोध कर रहे हैं उन्हें खुद के हारने का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व चुने हुए नेता करेंगे तो बेहतर होगा वरना कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में रह सकती है।
आजाद ने कहा कि आंतरिक चुनाव में 51% वोट पाने वाले की जीत होती है। इसका मतलब ये हुआ कि चुने हुए अध्यक्ष के साथ 51% लोग होते हैं। अगर इस चुनाव में दो-तीन लोग शामिल हुए, तो बाकी बचे प्रतिद्वंदियों को 10 से 15 फीसदी वोट ही मिलेंगे। आजाद ने कहा कि मौजूदा समय में जो कोई अध्यक्ष बनता है, जरूरी नहीं कि उसे अभी 1 फीसदी का समर्थन भी हो। यानी अगर चुनाव के बाद कोई अध्यक्ष बनता है, तो उसके साथ 51 फीसदी लोग होंगे। इसका मतलब उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इस बात में परेशानी क्या है?
आजाद ने आगे कहा, इन चुनावों में जो भी लोग दूसरे, तीसरे या चौथे स्थान पर आएंगे, उन्हें लगेगा कि उन्हें मेहनत कर के पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए और अगली बार जीत हासिल करनी चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अभी कांग्रेस राज्य में उन्हें पार्टी अध्यक्ष बना रही है, जो दिल्ली आते-जाते हैं और जिनका बड़े पार्टी नेता समर्थन कर देते हैं।
एक बार फिर आज़ाद ने पार्टी के बारे में बयान देकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है। जो वफादार होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इस से पार्टी और देश को नुकसान होगा।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.