IMPAR के अध्यक्ष ने PM मोदी को लिखा पत्र, मिलने का मांगा समय, बोले कौन हैं जो देश के डेवलपमेंट के अजेंडे को तबाह करना चाहते हैं?
सांप्रदायिक संघर्ष और प्रधान मंत्री के विजन 2030 पर सामने आया IMPAR का बयान
IMPAR ने आज माननीय प्रधान मंत्री को देश में अशांत सांप्रदायिक स्थिति के बारे में लिख कर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है साथ ही 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने और सामुदायिक चिंताओं के बारे में प्रधान-मंत्री को अवगत कराने के लिए समय मांगा है। IMPAR ने तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अपने दूरदर्शी नेतृत्व के लिए प्रधान मंत्री की सराहना की है, और प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर मज़बूत फैसलों के कारण अपने राजनयिक प्रभाव के वैश्विक विस्तार के लिए बधाई भी दी है।
135 करोड़ की आबादी वाला देश तेजी से राष्ट्रों के समूह में उस स्थान की ओर बढ़ रहा है जिसका वह हकदार है। भारतीय मूल के लोग विज्ञान, प्रौद्योगिकी, वित्त और व्यवसायों के क्षेत्र में अपने योगदान के माध्यम से दुनिया भर में गहरी पहचान बना रहे हैं। नतीजतन, भारत और भारतीयों के बारे में धारणा में बदलाव काफी दिखाई दे रहा है, और दुनिया आशा के साथ हमारी ओर देख रही है, IMPAR के अध्यक्ष, डॉ एमजे खान ने कहा।
हमारे संस्थान, उद्योग और यहां तक कि स्टार्टअप, नीतियों और अनुकूल कार्य संस्कृति और कारोबारी माहौल द्वारा समर्थित, भारत की अर्थ ब्यवस्था बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। IMPAR के पत्र में कहा गया है कि विकास और शासन के एजेंडे और वैश्विक सहयोग के एजेंडे के माध्यम से पीएम के विजन फॉर टुमॉरो के तहत, नया आत्मविश्वास पैदा हुआ है और हर कोई इसमें अपना योगदान देने के लिए तैयार हैी
भारत जैसे एक बेहद विशाल और सामाजिक रूप से विविध देश में, चुनौतियां हमेशा बनी रहेंगी। परन्तु इम्पार-IMPAR प्रधान मंत्री का ध्यान हाल के घटनाक्रमों की ओर आकर्षित करना चाहता है जिसमे विभिन्न राज्यों में संघर्ष की घटनाओं में अचानक वृद्धि हुई है, जो काफी परेशान करने वाली हैं। धार्मिक जुलूसों के दौरान हथियारों के नग्न प्रदर्शन के साथ अत्यधिक उत्तेजक नारे, और कुछ स्थानों पर संघर्ष, और एक समुदाय के खिलाफ पक्षपातपूर्ण राज्य सरकारों द्वारा कार्रवाई, जैसा कि मध्य प्रदेश का मामला, संभावित रूप से बड़े खतरे की स्थिति पैदा कर रहा है, डॉ एमजे खान ने आगे कहा।
इस तरह के घटनाक्रम से दुनिया भर में भारत की छवि खराब हो रही हैI यह हमारे सामरिक हितों को प्रभावित कर सकता है और निवेश के माहौल और वैश्विक सहयोग को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। कौन हैं ये तत्व, जो देश के हित के खिलाफ काम कर रहे हैं और प्रधान-मंत्री जी के विकास और शासन के एजेंडे को बाधित कर रहे हैं, IMPAR ने पूछा? जो समाज में शांति और न्याय विकास की पहली शर्त है। IMPAR समाज में शांति और समृद्धि के लिए समझ को बढ़ावा देने में सरकार और राष्ट्र के साथ खड़ा है, डॉ. खान ने कहा।
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