जमीअत उलेमा-ए-हिन्द द्वारा टेकनिकल और प्रोफेशनल शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिये वाज़ीफे की घोषणा नई दिल्ली, 5 जनवरी: जमीअत उलेमा-ए-हिन्द द्वारा टेकनिकल और प्रोफेशनल शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिये वाज़ीफे की घोषणा करते हुए कहा गया है कि शिक्षा आज महत्वपूर्ण विषय है, इसके बिना सभ्य समाज का गठन और तरक्क़ी की कल्पना कोरी है, इस लिए नई पीढ़ी को शिक्षा पर विशेष ध्यान दीनी चाहिए. जमीअत उलेमा-ए-हिन्द द्वारा टेकनिकल और प्रोफेशनल शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिये वाज़ीफे की घोषणा करते हुए जमीअत के महासचिव मौलाना महमूद असद मदनी ने शुक्रवार को छात्रों के लिए शिक्षा वर्ष 2017-2018 के वाज़ीफे (scholarship) की घोषणा करते हुए कहा कि यह लाभ मेरिट और मेहनत के आधार पर केवल professional कोर्स के एमबीबीएस, बी.डी.एस BUMS, बी फार्मा, इंजीनियरिंग, बी टेक (सिविल, elect. एंड इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूट), सी.ए. और बीएड के उन छात्रों को दिए जायेंगे जिन्हों ने कम से कम 60% मार्क अर्जित किए हैं। जमीअत उलेमा-ए-हिन्द द्वारा टेकनिकल और प्रोफेशनल शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिये वाज़ीफे की घोषणा करते हुए कहा गया है कि जरूरतमंद छात्र केंद्रीय कार्यालय जमीअत उलेमा ए हिंदी, 1-बहादुर शाह ज़फर मार्ग नई दिल्ली 2. से scholarship (वजीफे) के फॉर्म हासिल कर लें या जमीअत की वेब साइट www.jamiatulama.in से डाउन लोड करें और फार्म फिल करके अंतिम तिथि 31 जनवरी 2018 से पहले जमीअत के केंद्रीय कार्यालय में जमा कर दें। मौलाना मदनी ने जमीअत के कार्यकर्ताओं और अहले खैर सज्जनों से जरूरतमंद की हर तरह से मदद करने की अपील करते हुए कहा कि विशेष रूप से मुसलमानों में तालीमी बेदारी लाने और एक समय भूखे रह कर अपने बच्चों को पढ़ाने की भावना से अभियान चलाएं। मौलाना महमूद मदनी के फैसले का स्वागत करते हुए जमीयत उलमा ए हिंद के वरिष्ठ कार्यकर्ता पीस ऑलवेज और डब्ल्यूएचओ के चेयरमैन हकीम अयाज़ुद्दीन हाशमी ने कहा है कि मौलाना महमूद मदनी का फैसला ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद पहले रोज से ही गरीबों और पिछड़े लोगों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए कार्य करती आई है. उन्होंने जमीयत उलमा हिंद की ओर से सद्भावना के लिए की जा रही कोशिशों को सराहते हुए कहा कि देश की आजादी में जमीयत उलेमा ए हिंद का योगदान किसी ढका छुपा नहीं है, और एक बार फिर देश को उसी तरह से काम करने की जरूरत है जिस तरह से आजादी में हिंदू, मुस्लिम समेत सभी समुदाय के लोगों ने गोरों को मिल कर भगाया था. [caption id="attachment_3422" align="alignnone" width="183"] पीस ऑलवेज और डब्ल्यूएचओ के चेयरमैन हकीम अयाज़ुद्दीन हाशमी[/caption] उन्होंने कहा कि मौलाना महमूद मदनी की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की अपील सराहनीय है और इस दिशा में हाशमी ग्रुप काम कर रहा है, जिस का मकसद गरीबों और पिछड़े समाज के लोगों को शिक्षा की दिशा में पहली पंक्ति में लाना है.
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