BJP की बौखलाहट का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मीडिया रिपोर्टों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी जादूगरों का सहारा लेने के लिए मजबूर हो गई है और जादूगरों के माध्यम से लोगों के मन में विकास का एजेंडा डालने की कोशिश हो रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा द्वारा पेश किया जाने वाला गुजरात का विकास अगर पागल नहीं हुआ है और जिस गुजरात के विकास मॉडल को पिछले 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी द्वारा बेचने की कोशिश हो रही है तो इस पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश वासियों को यह जवाब देना चाहिए कि उन्हें यह जरूरत क्यों पेश आ गई है कि वह मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 50 मंत्रियों भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी के लीडरों और आर एसएस पर्चारकों को मैदान में उतारें। जिस तरह का प्रचार और रणनीति भाजपा गुजरात चुनाव में अपना रही है वह BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बौखलाहट का खुला सबूत है. इस से यह स्पष्ट है कि भाजपा गुजरात हार रही है. इन सब बातों के बीच महत्वपूर्ण बात यह है जिस पर विपक्ष को ध्यान देना होगा कि जिस तरह से यूपी में हो रहे निगम चुनाव में EVM में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की बातें मीडिया द्वारा सामने आ रही हैं इस पर गुजरात में पूरी तरह लगाम लगे यही कारण है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि ईवीएम का देख कर भी विरोध नहीं और पद्मावती का बिना देखने विरोध है।
गुजरात में नरेंद्र मोदी इस कदर बेबस दिख रहे हैं कि उन्होंने खुद को गुजरात की गरिमा के साथ जोड़ने की कोशिश की है. खुद को गुजरात का बेटा कहने पर मजबूर हो गए हैं, वह लोगों को भावनात्मक बनाने की कोशिश कर रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी उपलब्धियों गिनाने के बजाय अब उल्टे अपनी असफलताओं का ठीकरा विपक्ष और कांग्रेस पर आरोप मढ़ कर फोड़ रहे हैं।अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई नोट बंदी उतनी ही सफल थी तो वह इस के नाम पर कियों नहीं वोट मांग रहे हैं। उन्हें देशवासियों को यह बताना चाहिए कि उन्होंने हर साल 2-3 करोड़ लोगों को रोजगार देने का जो वादा किया था अब तक 3 वर्षों में 6-9 करोड़ लोगों को रोजगार दिया या नहीं। सच यह है कि उन्होंने लोगों से नौकरियां छीनी हैं। नरेंद्र मोदी को लोगों को बताना चाहिए कि उनकी सरकार का मक़सद लोगों का विनाश हैं।
पश्चमी उत्तर प्रदेश BJP कार्यालय से एक व्यक्ति को एक महिला द्वारा फोने कर के बीजेपी की रैली में आने के लिए कहा जाता है। यह फोन भी किसी खान को नहीं बल्कि कुमार को आता है और उस व्यक्ति से भाजपा की रैली में आने के लिए कहा जाता है। वह व्यक्ति, भाजपा की रैली में आने के बजाय, महिला को भाजपा का नाम तक ना लेने की नसीहत दे डालता है।PM मोदी को यह बताना चाहिए कि नोट बंदी उन की सरकार की गलती थी और उस ने लाखों लोगों की नौकरियां छीन लीं और अब तक लोग उस से परेशान हैं। भारतीय जनता पार्टी और मोदी को लोगों को यह बताना चाहिए कि क्या यही सपना उन्होंने लोगों को दिखाने का वादा किया था. मोदी आधार कार्ड के सबसे ज्यादा विरोधी रहे हैं. उन्हों ने सार्वजनिक मंच पर आधार कार्ड के लिए कांग्रेस पार्टी का मजाक बनाया, लेकिन प्रधान मंत्री बनने के बाद, नरेंद्र मोदी आधार कार्ड के सबसे बड़े वकील बन गए। इसलिए, गुजरात के लोगों को मोदी को जवाब देना चाहिए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि लोगों ने बिल बुक पर लिखवा रखा है कि "कमल का फूल हमारी भूल" (तारिक़ अनवर वरिष्ठ पत्रकार, सांसद और भारत सरकार के पूर्व मंत्री हैं, और लेखक के यह व्यक्तिगत विचार हैं, और लेखक के विचारों से ‘वतन समाचार’ की सहमती जरूरी नहीं है।)
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