उत्तर कोरिया ने लगभग ढाई महीने की खामोशी के बाद बुधवार को अपने सबसे ताकतवर हथियार को जापान सागर में फायर किया. उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी मिसाइल टेस्ट किया है. दक्षिण कोरिया की मिलिट्री ने इसकी पुष्टि की है.
उत्तर कोरिया की इस अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में वाशिंगटन समेत अमेरिका के पूर्वी समुद्रीय तट इलाके भी आते हैं. कोरियाई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने इसे हिंसक कार्रवाई बताते हुए तुरंत आपातकालीन यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग बुलाने की मांग की है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने भी जापान के सुर में सुर मिलाया है और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के सेशन की मांग की है. मीडिया रपटों के मुताबिक बुधवार की शाम को यूएन की बैठक हो सकती है.
अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर कोरिया ऐसी मिसाइल बनाने में लगा हुआ है, जो दुनिया में कहीं भी मार कर सकती है. अमेरिका सहित कई देशों ने इस पर आक्रोश भरी प्रतिक्रिया दी है.
विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्थ कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में अब वाशिंगटन डीसी भी आ गया है. सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया को आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों की सूची में शामिल किया था.
मैटिस ने कहा कि दो महीने की खामोशी के बाद प्योंगयांग ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की है, जिसने अब तक की सबसे ज्यादा ऊंचाई हासिल की. नॉर्थ कोरिया की मिसाइल ने जापान सागर में कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाया, लेकिन यह जापान के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में जाकर गिरी.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जो-इन ने कहा कि मिसाइल टेस्ट की आशंका थी और सरकार इससे निपटने की तैयारी कर रही है. अमेरिकी मिलिट्री ने भी खबर की पुष्टि की है, मिसाइल लॉन्च के बारे में अमेरिका और जानकारी जुटा रहा है. साउथ कोरिया के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया साल 2018 तक न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम हो जाएगा.
अमेरिका के मुताबिक 2018 तक नॉर्थ कोरिया ऐसे विध्वंसकारी मिसाइलें बनाने में सक्षम हो सकता है जो अमेरिका तक मार करने में सक्षम होंगी. साल 2017 में नॉर्थ कोरिया ने ताबड़तोड़ मिसाइल परीक्षण किए हैं.
(input aajtak.in se)