नई दिल्ली । बिन आक्सीजन और बिन अस्पताल बिन दवाईयों के लाखों लोगों मौतें जारी रहने की स्थिति में नए संसद भवन और नए प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य जारी रखना पीडि़तों के साथ अन्याय है। इनका निर्माण कार्य को जारी रखना जरूरी नहीं। राष्ट हित में इनका निर्माण तुरन्त प्रभाव से रोका जाना अनिवार्य है।
आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने प्रधानमत्री से यह अनुरोध करते हुए कहा है कि उन्हें ऐसी अन्य और विशेषकर इन दो परियोजनाओं को फौरन स्थगित करना चाहिए। इन पर खर्च होने वाले धन को कोरोना सूनामी रोकने और कारोना मरीजों के जीवन को बचाने में लगवाएं। उन्होंने कहा कि देश के लोगों का जीवन बचाना नए संसद भवन और नए प्रधानमंत्री आवास को बनाने से अधिक महत्त्वपूर्ण है।
माननोरिटीज फ्रंट के नेता डॉ आसिफ ने कहा देश स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे नाजुक और प्रलयकारी दौर से गुजर रहा है। यह समय प्रधानमंत्री की परीक्षा का भी समय है कि वे भव्य इमारतें बनवाने पर राष्ट्रीय सम्पदा को खर्च करते हैं या देश के लोगों की जान बचाने के लिए बड़े कदम उठाते हैं।
डॉ आसिफ ने कहा कि देश में अस्पताल कम पड़ गए हैं। अस्पतालों में मरीजों का दाखिला बन्द है। दवाइयों और आक्सीजन के अभाव में जवान बूढ़े बच्चे सब दम तोड़ रहे हैं। ऐसी में अपने लिए आलीशान आवास और सांसदों के लिए भव्य भवन बनाने के निर्णय को जारी रखना जनता के साथ अन्याय पूर्ण कदम ही माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश मेडिकल आपातकाल की स्थिति में है और आप ने चुनाव व रैलियां की कुम्भ स्नान होने दिया। देश में हर तरह के धार्मिक - सांस्कृतिक बड़े आयोजन होते रहे। महामारी सूनामी बनती रही आपने इसकी ओर ध्यान नहीं दिया। फिलहाल समय की मांग है कि केन्द्र व राज्य सरकारें अपने पास मौजूद सभी संसाधन और सम्पदाओं को लोगों की जान बचाने पर लगाएं।
डॉ आसिफ ने कहा कि दिसम्बर 22 में प्रधानमंत्री आवास पूर्ण होना है और नवम्बर 22 में ही संसद भवन तैयार करने के निर्देश आपने दिए हैं।
20000 करोड रूपयों में सेंट्रल विस्टा को 2022 में पूरा किया जायेगा हालात ये होंगें कि भारतीय इस चकाचौंध को देखकर ग्लानि ही नहीं क्षोभ व क्रोध से भर उठेगा और विदेशी आगंतुक बाद में मजाक किया करेंगें कि भारत में लाखों लोगों की मौतों के दौरान ये भव्य इमारतें बनी हैं। डॉ आसिफ ने कहा कि कृपया देश वासियों की जान की परवाह करें ये जियेंगे तो देश जियेगा और हम दुनिया में फिर से बेहतर स्थिति में खड़े हो पाएंगे।
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