-PM मोदी ने कहा- G-20 लोगो के माध्यम से सार्वभौम भाईचारे की धारणा परिलक्षित हो रही है
-PM ने कहा- G-20 के लोगो में कमल इस कठिन समय में आशा का प्रतीक है"
-G-20 की अध्यक्षता भारत के लिए केवल एक राजनयिक बैठक नहीं बल्कि नई जिम्मेदारी है
प्रधानमंत्री ने कहा-'हमारी कोशिश होगी कि कोई पहली दुनिया या तीसरी दुनिया न हो, बल्कि एक ही दुनिया हो'
PM ने कहा-'हमारा G-20 मंत्र है- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य'
PM मोदी ने कहा-'जी-20 दिल्ली या कुछ स्थानों तक सीमित नहीं होगा। कहा-प्रत्येक नागरिक, राज्य सरकार और राजनीतिक दलों को इसमें भाग लेना चाहिए।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 की अध्यक्षता का लोगो और थीम का किया अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत के G-20 समूह की अध्यक्षता का नया लोगो, थीम और वेबसाइट का बटन दबाकर अनावरण किया। इस दौरान लोगो और थीम से संबंधित एक शॉर्ट वीडियो भी प्रसारित किया गया जिसमें भारत की शक्ति को प्रदर्शित किया गया। G-20 समूह की अध्यक्षता का यह नया लोगो, थीम और वेबसाइट का लक्ष्य विश्व के प्रति भारत का संदेश और प्राथमिकताएं व्यक्त करता है। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1 दिसंबर 2022 से, भारत G-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा और कहा कि यह देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। प्रधानमंत्री ने इसे एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष के दौरान G-20 की अध्यक्षता प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री ने G-20 और संबंधित आयोजनों के बारे में बढ़ती रुचि और गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि ये सुझाव वैश्विक आयोजन का चेहरा बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि G-20 का ये लोगो केवल एक प्रतीक चिह्न नहीं है। ये एक संदेश है। ये एक भावना है, जो हमारी रगों में है। ये एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। प्रधानमंत्री ने G-20 के लोगो में दर्शाए गए कमल के फूल और थीम 'वसुधैव कुटुम्बकम' को लेकर कहा, इस लोगो में कमल का फूल भारत की पौराणिक धरोहर, हमारी आस्था, हमारी बौद्धिकता को चित्रित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कमल पर सात पंखुड़ियां, विश्व के सात महाद्वीपों और संगीत के सात स्वरों का प्रतिनिधित्व करती हैं. मोदी ने कहा, G20 दुनिया को सद्भाव में लाएगा. इस लोगो में कमल का फूल भारत की पौराणिक विरासत, हमारी आस्था, हमारी बुद्धि का चित्रण कर रहा है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, G20 लोगो में कमल का प्रतीक आशा का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'वसुधैव कुटुम्बकम'के मंत्र के जरिए विश्व बंधुत्व की जिस भावना को हम जीतते आए हैं वो विचार इस लोगो और थीम में प्रतिबिंबित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत एक ध्रुवीकृत विश्व को एक साथ लाने के लिए इस अनूठी थीम के साथ G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा प्रयास रहेगा कि विश्व में कोई फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड न हो, बल्कि केवल वन वर्ल्ड हो। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भारत की G-20 की अध्यक्षता संकट और अराजकता के समय में मिली है। उन्होंने रेखांकित किया कि दुनिया एक सदी में एक बार की वैश्विक महामारी, संघर्षों और बहुत सारी आर्थिक अनिश्चितता के विनाशकारी प्रभावों से निपट रही है। उन्होंने कहा, "G-20 के लोगो में कमल ऐसे कठिन समय में आशा का प्रतीक है।"
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भले ही दुनिया एक गहरे संकट में है, फिर भी हम इसे एक बेहतर जगह बनाने के लिए प्रगति कर सकते हैं। भारत की संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान और समृद्धि दोनों की देवी कमल पर विराजमान हैं। प्रधानमंत्री ने G-20 के लोगो में कमल के ऊपर विराजमान धरती की ओर इशारा किया और कहा कि साझा ज्ञान हमें कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करता है जबकि साझा समृद्धि हमें अंतिम छोर तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। मोदी ने कहा कि जी-20 का उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए दुनिया को एक साथ लाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन केवल कूटनीतिक बैठक नहीं है। भारत इसे एक नई जिम्मेदारी और दुनिया के भरोसे के तौर पर लेता है। उन्होंने कहा, 'आज दुनिया में भारत को जानने और समझने की अभूतपूर्व जिज्ञासा है। आज भारत का अध्ययन एक नई रोशनी में किया जा रहा है। हमारी वर्तमान सफलताओं का आकलन किया जा रहा है और हमारे भविष्य के बारे में अभूतपूर्व उम्मीदें व्यक्त की जा रही हैं", उन्होंने आगे कहा, "ऐसे माहौल में यह नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे इन अपेक्षाओं से परे जाएं और दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक ताकत से परिचित कराएं। उन्होंने कहा, "हमें सभी को एकजुट करना है और दुनिया के प्रति उनकी जिम्मेदारी के लिए उन्हें सक्रिय करना है।"
पहली बार G-20 देशों की अध्यक्षता करने जा रहा भारत के पास यह जिम्मेदारी एक दिसंबर से लेकर अगले साल 30 नवंबर तक रहेगी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने पहले भारत के आगामी G20 की अध्यक्षता के लिए लोगो डिजाइन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। जिसके बाद मंत्रालय को करीब 2400 से अधिक डिजाइन प्रस्ताव मिले। इसके बाद इस नए लोगो को अंतिम रूप दिया गया. G-20 का यह लोगो जनभागीदारी का परिणाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विभिन्न योजनाओं में जनभागीदारी को लेकर सबसे अधिक जोर देते रहे हैं। नए लोगो के चयन के बाद पहले विजेता को 1 लाख पचास 50 रुपये और अगले पांच विजेताओं को 15-15 हजार रुपये दिये गए। लोगो डिजाइन में अमृतकाल भारत के अगले 25 वर्षों तक यानी 100 साल तक की यात्रा को दर्शाया गया है। इसमें तिरंगे के रंग संयोजन का कलात्मक प्रदर्शन किया गया है।
G-20 के इस नए लोगो में भारत के राष्ट्रीय ध्वज केसरिया, सफेद और हरे रंग के साथ-साथ नीले रंग को दर्शाया गया है। G-20 के इस नए लोगो में भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के ऊपर पृथ्वी का आकार बनाया गया है जिसे नीले रंग में दर्शाया गया है। जबकि कमल फूल के सात पंखुरियों में केसरिया, सफेद और हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है। G-20 का यह लोगो एक विशिष्ट भारतीय दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जो धरती माता के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। वहीं भारत का राष्ट्रीय फूल कमल शुभ, शुद्ध, शाश्वत और तटस्थता का प्रतीक है। G-20 लोगो के नीचे 'भारत' शब्द अंकित किया गया है जिसे देवनागरी लिपि में लिखा गया है। इसी के आगे 2023 INDIA भी लिखा गया है।
'वसुधैव कुटुम्बकम' है G-20 का नया थीम
G-20 का नया थीम'वसुधैव कुटुम्बकम' होगा जिसका मतलब है 'एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य', जिसे प्राचीन संस्कृत पाठ महाउपनिषद से लिया गया है। लोगो और थीम मिलकर भारत के G-20 अध्यक्षता का एक शक्तिशाली संदेश देते हैं जो दुनिया में सभी के लिए न्यायसंगत और समान विकास के लिए प्रयास कर रहा है। यह थीम पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदार नीति-निर्माताओं के साथ-साथ जीवन (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर भी प्रकाश डालती है।
भारत पहली बार G-20 की करेगा अध्यक्षता
भारत पहली बार 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा। इस दौरान देश भर में 200 से अधिक बैठकें होंगी। इस दौरान G20 अध्यक्षता के रूप में भारत, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा। वर्तमान में G-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है। इसके साथ-साथ यूरोपीय संघ भी इसका सदस्य है।
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