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किसानों के लिए फिर राहुल सड़क पर, क्या रख पाएंगे कार्यकर्ताओं का मान ?

अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी पिछले 1 हफ्ते से सड़क पर हैं। पहले राहुल गांधी हाथरस के लिए निकले तकरीबन तीन चार दिनों तक यूपी प्रशासन के साथ संघर्ष करते नजर आए और आखिरकार वह हाथरस तक जाने में कामयाब हो गए। ऐसे में सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार अपने नेता के सड़क पर उतरने से जोश में हैं और मानव उनको नया जीवन मिल गया हो और कार्यकर्ता राहुल गांधी के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर इस बात की डिमांड कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव तक राहुल गांधी संघर्ष करें। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद अपने कार्यकर्ताओं की मांग का ख्याल रख पाएंगे। क्योंकि राहुल गांधी के सड़क पर उतरने से जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश उबाल मार रहा है और जिस तरह से उन्होंने सड़क और सोशल मीडिया पर इसका समर्थन किया है उस से माना यही जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में अगर कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी सड़क पर रहते है तो कांग्रेस पार्टी खड़ी हो सकती है।

By: वतन समाचार डेस्क
  • किसानों के लिए फिर राहुल सड़क पर, क्या रख पाएंगे कार्यकर्ताओं का मान 

 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी पिछले 1 हफ्ते से सड़क पर हैं। पहले राहुल गांधी हाथरस के लिए निकले तकरीबन तीन चार दिनों तक यूपी प्रशासन के साथ संघर्ष करते नजर आए और आखिरकार वह हाथरस तक जाने में कामयाब हो गए।

 

 

 

ऐसे में सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार अपने नेता के सड़क पर उतरने से जोश में हैं और मानव उनको नया जीवन मिल गया हो और कार्यकर्ता राहुल गांधी के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर इस बात की डिमांड कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव तक राहुल गांधी संघर्ष करें। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद अपने कार्यकर्ताओं की मांग का ख्याल रख पाएंगे। क्योंकि राहुल गांधी के सड़क पर उतरने से जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश उबाल मार रहा है और जिस तरह से उन्होंने सड़क और सोशल मीडिया पर इसका समर्थन किया है उस से माना यही जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में अगर कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी सड़क पर रहते है तो कांग्रेस पार्टी खड़ी हो सकती है।

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वहीं राहुल गांधी ने आज कहा है कि – पूरे देश में तूफ़ान सा आया हुआ है। (audio interruption) कोविड बीमारी से हज़ारों लोग मरे हैं, लाखों लोगों को कष्ट हुआ है, और अभी भी ये बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा था की 22 दिन में लड़ाई जीती जाएगी, लड़ाई अभी जारी है।

 

 

 

कल मैं उत्तर प्रदेश में था, उधर हिन्दुस्तान की एक बेटी को मार दिया गया और जिन लोगों ने मारा, उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई और जिस परिवार की बेटी को मारा गया, उनको अपने घर के अंदर बंद कर दिया गया। डीएम ने उनको धमकाया, चीफ मिनिस्टर ने धमकाया, ये है हिंदुस्तान की हालत। जो अपराध करता है, उसके खिलाफ कुछ नहीं होता और जो मारा जाता है, कुचला जाता है, दबाया जाता है, उसके खिलाफ कार्यवाही होती है।

 

 

 

 

मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, कोविड के समय, इन तीन कानूनों को लागू करने की क्या जरुरत थी? क्या जल्दी थी? ठीक है, आपको कानून लागू करने थे, तो लोकसभा- राज्यसभा में बातचीत करते। प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, तो अगर किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, तो फिर आपने लोकसभा में, राज्यसभा में खुलकर बातचीत क्यों नहीं की? और अगर किसान इस कानून से खुश है, तो पूरे देश में किसान आंदोलन क्यों कर रहा है? पंजाब का हर किसान आंदोलन क्यों कर रहा है?

 

छह साल से नरेन्द्र मोदी जी झूठ बोल रहे हैं। नोटबंदी की, कहा, कालाधन मिट जाएगा। जीएसटी लागू की, छोटे व्यापारियों को, दुकानदारों को, गरीब लोगों को खत्म किया। कोविड आया, हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया, उनका टैक्स माफ किया, मगर गरीबों को, किसानों को कोई भी मदद नहीं दी, एक रूपया तक नहीं दिया।

 

देखिए किसान भाईयों और बहनों, मामला पैसे का है और आपकी जमीन का है और मैं इसको 7-8 साल से देख रहा हूँ। पहली बार मैंने इसे भट्टा पारसौल में देखा। जब भी ये चाहते थे, हिंदुस्तान के किसानों की जमीन दो मिनट में छीन लेते थे, हमने विरोध किया, लैंड एक्वीजीशन का जो पहले कानून था, काला कानून था, उसको हमने बदला और आपकी, किसानों की जमीन की रक्षा की, मार्केट रेट से चार गुना ज्यादा आपको रेट दिलवाया। नरेन्द्र मोदी जी आए, पहला काम उन्होंने किया, हमारे नए कानून को उन्होंने रद्द किया। हम पार्लियामेंट में लड़े, याद रखिए, उनके साथ अकाली दल के नेता बैठे थे। हम पार्लियामेंट में लड़े, हमने कहा, नहीं, किसान की जमीन हम आपको नहीं देने वाले हैं। पार्लियामेंट में वो कानून को बदल नहीं पाए, कांग्रेस पार्टी खड़ी रही, उन्होंने अपने सब चीफ मिनिस्टर्स से कहा, पार्लियामेंट में नहीं बदला जा रहा है, स्टेट्स में बदल दीजिए।

 

लक्ष्य समझिए, कठिन बात नहीं है, आपकी जमीन और आपका पैसा, हिंदुस्तान के 2-3 सबसे बड़े अरबपति चाहते हैं। पुराने जमाने मे कठपुतली का शो होता था न, याद है आपको? कठपुतली का शो होता था न, याद है, कठपुतली चलती थी, पीछे से कोई चलाता था उसको, धागे बंधे होते थे न, पीछे से कोई चलाता था। रावत जी आपने कहा, मोदी सरकार है। भाईयों और बहनों, ये मोदी सरकार नहीं है, ये अडानी और अंबानी की सरकार है। नरेन्द्र मोदी जी को अंबानी और अडानी चलाते हैं, नरेन्द्र मोदी जी को अंबानी और अडानी जीवन देते हैं। कैसे? मीडिया में नरेन्द्र मोदी जी का चेहरा दिखाकर, चौबीस घंटे, सीधा सा रिश्ता है, नरेन्द्र मोदी जी इनके लिए ज़मीन साफ करते हैं और ये पूरा का पूरा समर्थन नरेन्द्र मोदी जी को मीडिया में देते हैं।

 

पंजाब के किसानों ने, हरियाणा के किसानों ने हिंदुस्तान को फूड सिक्योरिटी दी, पंजाब ने, हरियाणा ने। हिंदुस्तान की सरकार ने ढांचा बनाया था, ढांचे में तीन खंभे थे- एमएसपी, फूड प्रिक्योरमेंट और मंडी। इन तीन चीजों से हिंदुस्तान को गारंटी करके अनाज मिलता है, कौन देता है- पंजाब और हरियाणा। नरेन्द्र मोदी जी इस सिस्टम को खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि जब तक ये सिस्टम रहेगा, तब तक उनके मित्र, अंबानी-अडानी जैसे लोग, हिंदुस्तान के किसानों का पैसा नहीं ले पाएंगे, हिंदुस्तान के किसानों की जमीन नहीं छीन पाएंगे। लक्ष्य इनका एमएसपी को खत्म करने का है, लक्ष्य इनका फूड प्रिक्योरमेंट के सिस्टम को खत्म करने का है। ये जानते हैं, जैसे ही एमएसपी खत्म हुई, जैसे ही फूड प्रिक्योरमेंट का सिस्टम खत्म हुआ, वैसे ही पंजाब - हरियाणा का किसान, हिंदुस्तान का किसान खत्म हो जाएगा और मैं आपको स्टेज से कह रहा हूँ, (तालियों की गड़गड़ाहट और श्री राहुल गाँधी के पक्ष में नारों के बीच उन्होंने कहा) कांग्रेस पार्टी हिंदुस्तान के किसान को कभी खत्म नहीं होने देगी, हम आपके साथ खड़े हैं और हम एक इंच पीछे हटने वाले नहीं हैं।

 

देखिए, हिंदुस्तान ग़ुलाम हुआ था, हिंदुस्तान गुलाम हुआ था, कैसे हुआ था? अंग्रेजों ने हिंदुस्तान के किसान को खत्म किया था, हिंदुस्तान के किसान की रीढ़ की हड्डी को अंग्रेजों ने तोड़ा था, इसीलिए अंग्रेज हिंदुस्तान में राज कर पाए। वही लक्ष्य नरेन्द्र मोदी जी का है, किसान की रीढ़ की हड्डी तोड़ो और अंबानी - अडानी जैसे लोगों के हवाले पूरा का पूरा माल कर दो।

 

मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि इस सिस्टम में कमी नहीं है, जरुर सिस्टम में कमी है और जरुर सिस्टम को रीफॉर्म करने की जरुरत है, सिस्टम में सुधार करने की जरुरत है, मगर सिस्टम को नष्ट करने की जरुरत नहीं है। चूंकि अगर आपने सिस्टम को नष्ट कर दिया, तो किसान के लिए, किसान की रक्षा के लिए कुछ नहीं बचेगा और किसान को सीधा अंबानी और अडानी से बात करनी पड़ेगी और उस बातचीत में किसान मारा जाएगा, सीधी सी बात है।

 

मैं स्टेज से पंजाब के किसानों को पूरा का पूरा समर्थन देना चाहता हूँ। आप आंदोलन कर रहे हो, बिल्कुल सही कर रहे हों और मैं और कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़े होंगे और मिलकर इन कानूनों को बदलने का काम करेंगे। मैं आपको गारंटी दे रहा हूँ कि जिस दिन कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी, उस दिन हम इन तीन काले कानूनों को रद्द करके, खत्म करके, वेस्ट पेपर बास्केट में फेंक देंगे।

 

आप सब यहाँ आए, दिल से आपका धन्यवाद करना चाहता हूँ और फिर से दोहराना चाहता हूँ, पंजाब का किसान, हरियाणा का किसान, पूरे हिंदुस्तान का किसान एक इंच पीछे नहीं हटेगा, हम नरेन्द्र मोदी जी की सरकार के खिलाफ, इन कानूनों के खिलाफ लड़ेंगे और इन लोगों को हराकर दिखाएंगे।  

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