Harsh Mander, Ex IAS & Ex. Member of National Advisory Council (NAC)
दिल्ली दंगों को लेकर पहले दिन से सामाजिक संगठनों और सिविल सोसाइटी के निशाने पर रही दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर अब और बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट कई सारे गंभीर सवाल खड़े कर रही है, जिसके बाद कई सामाजिक संगठन इस चार्जशीट में पक्षपात करने और कपिल मिश्रा अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। बीते रोज ज़ूम के माध्यम से एक प्रेस कांफ्रेंस करके तीस्ता सीतलवाड़ प्रशांत भूषण इंजीनियर सलीम नवेद हामिद अपूर्वानंद और प्रोफेसर झा ने कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से दंगों की जांच पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि अब यह स्पष्ट हो गया है साजिश की जांच नहीं बल्कि जांच की साजिश हो रही है।
दिल्ली पुलिस की कार्यशैली को देखते हुए स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने संगीन सवाल खड़े करते हुए कहा था कि दिल्ली दंगों में साजिश की जांच नहीं बल्कि जांच की साजिश हो रही है। वहीं अब चार्जशीट में हर्ष मंदिर का नाम आने पर रामचंद्र गुहा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। क्या आप उनके भाषण में हिंसा का कोई उदाहरण देखते हैं। आप इसे नहीं खोज सकते, लेकिन दिल्ली पुलिस का मानना है कि यह हिंसा को भड़काने की साजिश को दर्शाता है।
रामचंद्र गुहा ने लोकतंत्र को लेकर के भी कई गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत का लोकतंत्र 'डार्क हॉल' में जा रहा है। वही इस पूरे मामले में जमीयत उलमा के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने भी दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े करते हुए पुलिस की कार्यवाही को एकतरफा बताया है।
ज्ञात रहे कि "राजधानी दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में पूर्व आईएएस और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर का नाम भी शामिल है। उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और न्यायपालिका के बारे में अवमानना भरी बातें कहने का आरोप है। चार्जशीट में हर्ष मंदर का नाम होने को लेकर वरिष्ठ इतिहासकार रामचंद्र गुहा भड़क गए हैं। उन्होंने लिखा है, “हमारे देश का भविष्य कैसा दिखता है? आप आज के युवा हैं। आप अपने बच्चों के लिए किस तरह का देश छोड़ना चाहेंगे?
वहीं इन आरोपों पर हर्ष मंदर के वकील दुष्यंत दवे का कहना है कि भाषण के जिस आधार पर कार्रवाई शुरू हुई है। वह कोर्ट के सामने गलत तरीके से पेश की गई है। उनका कहना है कि मंदर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसके चलते सरकार उनपर निशाना साध रही है। बता दें कि हर्ष मंदर पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। वह साल 2002 में गुजरात दंगे से आहत होकर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान वह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी रहे हैं।", और कि रिपोर्ट सोनिया सरकार के लिए भी मुसीबत कड़ी कर चुकी थी।
ज्ञात रहे कि इससे पहले हर्ष मंदर ने 91 पेज पर आधारित नेशनल एडवाइजरी काउंसिल NAC की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को एक रिपोर्ट सौंपी थी। नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य होने के नाते उन्होंने अपनी रिपोर्ट में उन्होंने अल्पसंख्यकों के पिछड़ेपन की पूरी हकीकत बयान कर दी थी। इसके बाद उस वक्त के मंत्री सलमान खुर्शीद काफी घबराए हुए थे और बड़ी बात यह है कि इस रिपोर्ट का भी वही हुआ जो इस से पहले दूसरी रिपोर्ट का हुआ और इन पर किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.