एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे पर किसानों को अपनी थार से कुचलने का आरोप है, वही इन आरोपों के बीच बिहार से लेकर कश्मीर और रांची तक आर एस एस ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के अरुण कुमार की रिपोर्ट के अनुसार 1 महीने के अंदर आर एस एस के टॉप 3 बड़े नेताओं ने बिहार का दौरा किया, जिसमें खुद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखिया मोहन भागवत भी शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को आरएसएस जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रेय होसबोले पटना में एक किताब के विमोचन समारोह में उपस्थित थे, जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ राज्य की कई गणमान्य हस्तियों से मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी महीने एक और बड़ी मीटिंग आरएसएस कार्यकर्ताओं और राज्य स्तर पर काम करने वाले लोगों के साथ मुजफ्फरपुर में भी हो चुकी है. हिंदुस्तान टाइम्स की डिजिटल रिपोर्ट के अनुसार आर एस एस के एक और बड़े नेता रामलाल भी इसी महीने बिहार का दौरा कर चुके हैं.
रामलाल अपनी organization स्किल के लिए जाने पहचाने जाते हैं और लंबे समय से बीजेपी में ऑर्गेनाइजेशन जनरल सेक्रेट्री का काम करने का अनुभव है और सबसे लंबे समय तक इनको काम करने का मौका मिला है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रामलाल और होसबोले ने बुधवार को रांची और दिल्ली का सफर किया.
ज्ञात रहे कि रामलाल r.s.s. में पब्लिसिटी और कम्युनिकेशन विंग के 2019 से इंचार्ज हैं. हिंदुस्तान टाइम्स ने आर एस एस के एक वर्कर के हवाले से दावा किया है कि यह मीटिंग कुछ अलग नहीं थी बल्कि यह रूटीन मीटिंग थी जिसका मकसद कार्यकर्ताओं से मिलना और राज्य की कुछ रिनाउंड हस्तियों से मिलना था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग में बीजेपी के राज के अध्यक्ष संजय जयसवाल, राज्य सभा एमपी सुशील कुमार मोदी, डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे समेत कई लोगों ने रामलाल से मुलाकात की, जबकि बीजेपी नेताओं ने कुछ कहने से इनकार कर दिया.
वही दोनों नेताओं के दिल्ली और रांची जाने के बाद खबर आ रही है कि गुजरात से आने वाले बीजेपी नेता रईस खान पठान 2 दिवसीय कश्मीर दौरे पर पहुंचे हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रईस खान पठान वहां आर एस एस के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और उनकी हौसला अफजाई करेंगे.
ज्ञात रहे कि रईस खान पठान का संबंध भी गुजरात से है और वह भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल के दूसरी बार सदस्य भी मनोनीत हुए हैं. माना यह जा रहा है कि आने वाले दिनों में जल्द ही रईस पठान को किसी राज्य का गवर्नर या कोई और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
अब ऐसे में दिल्ली से लेकर रांची, कश्मीर और बिहार तक आर एस एस नेताओं की गतिविधियां चर्चा का विषय बनी हुई है कि अचानक आर एस एस के 3 बड़े नेता बिहार पहुंचते हैं, वही टॉप टीम में एक बड़े रांची का सफर करते हैं जबकि प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाने वाले पठान कश्मीर जाते हैं. इसके पीछे का मकसद क्या है? इसका जवाब तो समय पर मिल जाएगा, लेकिन इन की गतिविधियों ने लोगों के मन में बहुत सारे सवाल पैदा कर दिए हैं, जिसका जवाब समय आने पर खुद मिल जाएगा.
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