समाजवादी पार्टी का फिर एक वादा, दोबारा शुरू कर रहे हैं पेंशन योजना
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फिर शुरू की पेंशन योजना। अखिलेश यादव का कहना है कि हम गरीब तबकों का भला चाहते हैं।
हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमे उन्होंने "समाजवादी पेंशन" को दोबारा शुरू करने की बात की।
इतिहास के पन्नो को टटोलते हुए अखिलेश यादव कहते है कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तब समाजवादी पेंशन को शुरू किया गया था, जिसके बाद गरीब माताओं और बहनों को उससे बहुत मदद मिली।
आंकड़ों को याद दिलाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि करीब 50 लाख लोगो की मदद हुई। इसलिए इसे दोबारा शुरू किया जाएगा जिसके अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे आते हुए लोगो को प्रतिवर्ष 18 हज़ार रुपए दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा की पहले इस योजना के तहत मात्र 6 हज़ार रुपए मिलते थे, और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ऐसा कोई परिवार नही होगा जिसे इस योजना से जोड़ा न गया हो। और ऐसे लोग जो गरीबी से जूझ रहे थे या जिन्हे संकट या परेशानी हो रही थी उन्हें भी इस योजना से जोड़कर फायदा पहुंचाया गया।
अखिलेश यादव अपने विकास की ओर प्रकाश डालते हुए कहते है "इसी तरह बनारस के मुसहर बिरादरी के लोगो को मदद की गई। बनारस के मुसहर बिरादरी के लोग संकट में थे, तो उनके जिला अध्यक्ष को संपर्क करके समाजवादी लोहिया आवास योजना से जोड़ा गया।"
इसी के साथ बता दे की अभी समाजवादी पार्टी का चुनावी मेनिफेस्टो नही आया है, लेकिन जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे है अखिलेश यादव वादे पर वादे किए जा रहे हैं। जिसमे से "किसानों के लिए सिंचाई की मुफ्त बिजली बिल, छात्रों के लिए मुफ्त लैपटॉप, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, शहीद किसानों के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा, किसानों की हर फसल का निर्धारित MSP, 300 यूनिट मुफ्त बिजली और अब बढ़ता पेंशन" ।
अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए अखिलेश यादव कहते है कि "मुझे खुशी है कि समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है, जिससे संविधान और लोकतंत्र को बचाया जायेगा।"
टिकट वितरण की बात पर नेता अखिलेश यादव का कहना है कि टिकट किस किसको दी जाएगी ये जनता और पार्टी के आंतरिक सर्वे रिपोर्ट पर निर्भर करता है।
और अपर्णा यादव पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि "वे किसी के संपर्क में है", लेकिन समाजवादी पार्टी का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। और विपक्ष पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कुछ इधर संपर्क में हैं, तो हमारे कुछ उधर संपर्क में हैं।
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