लखनऊ: उप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद तारिक़ सिद्दीकी ने अपने सोशल साइट के माध्यम से केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार पर प्रहार किया है. उन्हों ने कहा कि देश इस वक़्त संकट से गुज़र रहा है, हेल्थ इमरजेंसी की हालत है और देश के टॉप सत्ताधारी लोग अभी भी रैली करने में मसरूफ हैं.
जवाबदेही तय हो
सत्ताधारी लोगों को अभी भी जवाबदेही का कोई एहसास नहीं है. इस से समझ में देश वासियों को आ जाना चाहिए कि उन्होंने किन लोगों को प्रचंड बहुमत दिया है जो देश की जनता के बारे में सोचना तो दूर उनकी चिंताओं और परेशानियों को समझने तक को तैयार नहीं हैं.
सरकार के दावे के उलट हक़ीक़त
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व चेयरमैन और कांग्रेस R&D के पहले अध्यक्ष श्री सिद्दीकी ने कहा देश के प्रधानसेवक से लेकर स्वास्थ मंत्री और प्रदेश के मुख्य मंत्री सब कह रहे हैं कि परशानी का हल सरकार निकाल रही है. ऑक्सीजन का इंतज़ाम हो रहा है, लेकिन सच्चाई वह नहीं है जो वह बता रहे हैं, सच्चाई वह है जो हॉस्पिटलस ने बाहर नोटिस लगा रखा है, कि "अस्पतालों का ऑक्सीज़न खत्म हो रहा है". केंद्र और राज्य सरकार से बार बार विनती कर रहे हैं, लेकिन गूंगी बहरी सरकारें सुनने और समझने को तैयार नहीं हैं.
दुनिया में हो रही है प्यारे देश की रुस्वाई!
श्री सिद्दीकी ने कहा कि अब अस्पताल भी माफ़ी मांगने लगे हैं. दुनिया में भारत के हेल्थ सिस्टम का मज़ाक़ उड़ रहा है और सरकार तमाशा देख रही है. उन्होंने कहा कि अभी THE GUARDIAN ने हमारे हेल्थ सिस्टम का मज़ाक़ उड़ाया है, अब और किस चीज़ का इंतज़ार सरकार कर रही है.
सरकार इमरजेंसी रेस्पॉन्ड करे
उन्हों ने कहा कि अब अगर लोगों को बेड मिलने का इमकान भी है तो अब ऑक्सीजन खत्म हो चुका है या हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश को जब प्रधान सेवक और योगी जी की ज़रुरत है तब यह क्या कर रहे हैं पूरा देश देख रहा है. उन्हों ने कहा कि देश वासियों को अब समझना होगा कि उन्हों ने अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए जो फैसला लिया था वह कितना सही था.
अब हवा बिनके लगी, फिर किस चीज़ का इंतज़ार है!
श्री सिद्दीकी ने कहा कि क्या हम उन लोगों के हाथों में अपने बच्चों का भविष्य दे सकते हैं जिन के हाथों में हम ने अपने राज्य और देश की बाग़ डोर दे राखी है. श्री सिद्दीकी ने कहा कि कल जब पानी बिकना शुरू हुआ तब लोग इस को समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा अब हवा बिनकी शुरू हो गयी है और अब हम किस चीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं.
साउथ के राज्यों से सीख लेनी होगी!
उन्हों ने कहा कि अगर अभी भी लोग नहीं जागे और ऑक्सीजन से लोगों की आमवात होती रही तो फिर आगे क्या क्या बिकेगा इस का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है. उन्हों ने कहा कि हमें साउथ के राज्यों से सबक़ लेना चाहिए जहां बड़े पैमाने पर हरियाली और साफ़ सुथरी हवा के बाद भी पोल्लुशण मुद्दा होता है और लोगो इस पर वोट करते हैं और अपने नेता से हिसाब लेते हैं. हमें इन राज्यों से सीख लेने कि ज़रुरत है. उन्हों ने कहा कि जब हम जागेंगे तभी सत्ताधारी लोग जागेंगे, वरना यह हमारा और हमारे बच्चों का भी शोषण करेंगे.
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