राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा आज कहा कि राज्यसभा में पूरे विपक्ष ने दो अलग-अलग मुद्दों पर आक्रोश प्रकट किया है। शरद यादव और दूसरे एमपी अलवर साहब की सदस्यता राज्यसभा से खारिज की गई है। उसका हम लोगों ने विरोध किया। क्योंकि शरद जी और उनके साथी ने ऐसी कोई बात नहीं की है, जिसकी वजह से उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। सदस्यता अगर किसी की रद्द की जानी चाहिए थी तो, नीतीश कुमार की, उनके मंत्रीमंडल, उनके MP और MLA की करनी चाहिए थी, क्योंकि वह महागठबंधन के नाम पर चुने गए थे और जब उन्होंने महागठबंधन को छोड़ दिया.
विपक्ष ने, जो यहाँ हैं और जो यहाँ मौजूद नहीं हैं, उन्होंने भी Article-267 में आज नोटिस दिया था कि आज दिन का जितना भी बिजनेस है, उसको suspend करके, एक बहुत बड़ा मुद्दा, जो राष्ट्र का मुद्दा है, बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा भी है कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने पालमपुर में 10 दिसंबर को, एक बहुत बड़ा आरोप लगाया, इस देश के जो 10 साल Vice President of India रहे, राज्यसभा के चेयरमैन रहे, 10 साल डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री रहे, Foreign Secretary पर, दीपक कपूर Chief of the Army staff, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी और कई High Commissioners and Ambassador और कई Media persons, उन पर यह आरोप लगा कि वह पाकिस्तान के साथ मिलकर और पाकिस्तान के कई लीडरों के साथ मिलकर षडयंत्र कर रहे हैं कि, गुजरात में चुनाव में बीजेपी ना जीते। अब ये कोई छोटा आरोप नहीं है, यह बहुत बड़ा आरोप है और छोटे आदमियों के खिलाफ यह आरोप नहीं है, बहुत बड़े आदमियों के खिलाफ आरोप हैं। ये छोटे आदमी ने आरोप नहीं लगाया है, देश के प्रधानमंत्री, देश के Head of the Government ने आरोप लगाया है।
आजाद ने कहा कि चैयरमेन साहब ने house adjourned किया और यह मुद्दा हमें राज्यसभा में उठाने नहीं दिया है, जिसका हमें अफसोस है, दुख है कि चेयरमैन को इजाजत देनी चाहिए, क्योंकि यह तो राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है। माननीय प्रधानमंत्री जी को सदन में आना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए, सुबूत देना चाहिए कि कहाँ, किस वक्त और कैसे यह षडयंत्र उनके खिलाफ रचा गया।
अगर सच है तो सजा होनी चाहिए और अगर झूठ है, सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए गुजरात का चुनाव जीतने के लिए, चुनाव को polarise करने के लिए प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा आरोप लगाया है, तो माननीय प्रधानमंत्री जी को न सिर्फ सदन से बल्कि पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए कि, मुझसे बड़ी गलती हुई है, उनको यह कहना चाहिए कि मैंने यह जानबूझ कर किया था चुनाव जीतने के लिए polarise करने के लिए, वरना मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं थी।
यह बहुत बड़ा आरोप है और मैं समझता हूं कि यह खाली विपक्ष का मुद्दा नहीं है। यह देश का मुद्दा है कि प्रधानमंत्री जी ऐसे आरोप लगाते जाएं, यह मिलिटेंट हैं, यह पाकिस्तानी हैं, यह आईएसआई है। तो फिर तो यह सब खत्म कर देंगे, विपक्ष को खत्म कर देंगे इसी तरह से आरोप लगा कर।