राहुल गांधी के चचेरे भाई और बीजेपी के वरिष्ठ सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में आने की खबरें एक बार फिर चर्चा में हैं. पिछले कई माह से मीडिया में यह खबरें आ रही हैं कि वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी में अपने क़द के मुताबिक इज्जत ना मिलने से नाराज हैं मीडिया में यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त खबर आई थी कि वरुण गांधी कांग्रेस पार्टी में आ सकते हैं. इधर एक बार फिर आज तक डाट इन ने खबर दी है जिस की हेड लाइन है "क्या कांग्रेस में शामिल होंगे वरुण गाँधी? राहुल की ताजपोशी के के बाद फैसला"
रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी की कमान संभालते ही पार्टी में काफी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. और इस बदलाव में दो भाई एक बार फिर साथ आ सकते हैं.
आगरा के कई स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मानें तो वरुण को बीजेपी में उनके कद के हिसाब से इज्जत नहीं मिली है. और पार्टी में उन की अनदेखी की गयी है. उन में मुख्यमंत्री बनने की क्षमता थी.
इंडिया टुडे से खास बात करते हुए मुस्लिम नेता हाजी जमीलुद्दीन का कहना है कि बीजेपी में वरुण को नजरअंदाज किया गया है, बीजेपी में पीएम मोदी के सिवा और किसी को अपनी बात कहने का हक नहीं है. फिर भी वरुण ने लगातार अपनी बात को रखा है. बीजेपी के कई समर्थकों ने यूपी सीएम के लिए वरुण का नाम आगे करने की मांग की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाजी मंजूर अहमद ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वरुण कांग्रेस में आ सकते हैं, अगर ऐसा होता है तो राहुल-वरुण की जोड़ी बड़ा कमाल कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रियंका वाड्रा और वरुण गांधी में हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं. वरुण को कांग्रेस में लाने के लिए प्रियंका एक बड़ा रोल निभा सकती हैं.
गौरतलब है कि वरुण गांधी हो या फिर राहुल गांधी, दोनों की तरफ से कभी खुले तौर पर एक दूसरे के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं हुई है. यही कारण है कि इन संकेतों को तवज्जो मिल रही है. लेकिन अगर ऐसा होता है तो गांधी परिवार करीब 35 साल बाद फिर एक साथ होगा.
ज्ञात रहे की वरुण गांधी समय-समय पर अपनी बात रखते आए हैं, हाल ही में रोहिंग्या मुद्दे उन्होंने केंद्र सरकार की लाइन से अलग हटके बयान दिया और कहा कि भारत को रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करनी चाहिए और अतिथि देवो भव: का पालन करना चाहिए.