अरविंद केजरीवाल का एलान, मैं हिन्दू हूँ हिंदुत्व की बात करूंगा, आखिर दलित समाज को क्या संदेश दे रहे हैं केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से भारतीय करेंसी पर गणेश-लक्ष्मी की तस्वीर छापने की अपील की है। सीएम केजरीवाल ने कहा है, ”इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है। वहां 85% मुस्लिम और केवल 2% हिंदू हैं लेकिन वहां की करेंसी पर श्री गणेश जी की तस्वीर है। मेरी प्रधानमंत्री जी से अपील है कि नए छपने वाले नोटों पर भी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की तस्वीरें लगाई जाए।”
इस अपील के पीछे की वजह बताते हुए आप प्रमुख कहते हैं, ”दिवाली पूजन करते हुए मन में ये बहुत स्ट्रांग भाव आया। मैं यह नहीं कह रहा कि ये करने मात्र से अर्थव्यवस्था सुधरेगी, बहुत सारे प्रयास करने की ज़रूरत है। लेकिन वह प्रयास तब फलीभूत होते हैं, जब देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है। जब इंडोनेशिया कर सकता है, तो हम क्यों नहीं।”
मुस्लिम देश नहीं है इंडोनेशिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी अपील में इंडोनेशिया को एक मुस्लिम राष्ट्र बताया है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। किसी भी अन्य देश की तुलना में इंडोनेशिया में सबसे अधिक मुस्लिम रहते हैं। वहां की आबादी का भी सबसे बड़ा हिस्सा इस्लाम को मानने वाला है। लेकिन इंडोनेशिया एक मुस्लिम राष्ट्र नहीं है। सऊदी अरब की तरह इंडोनेशिया का आधिकारिक धर्म इस्लाम नहीं है।
जिस तरह भारत में हिंदुओं की आबादी सबसे अधिक है, लेकिन भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है। वैसे ही इंडोनेशिया में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, लेकिन वह मुस्लिम राष्ट्र नहीं है। इंडोनेशिया बहुधार्मिक देश है जो समान रूप से छह धर्मों को मान्यता देता है- इस्लाम, प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक, हिंदू, बौद्ध और कन्फ्यूशियस। इंडोनेशिया में मुस्लिम 87.2%, प्रोटेस्टेंट 6.9%, कैथोलिक 2.9%, हिंदू 1.7%, बौद्ध 0.7%, कन्फ्यूशियस 0.05%
इंडोनेशिया की करेंसी पर नहीं है गणेश की तस्वीर
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अपनी अपील में दावा किया है कि इंडोनेशिया की करेंसी पर गणेश की तस्वीर छपी है। केजरीवाल का यह कथन भी तथ्यात्मक रूप से गलत है। बैंक इंडोनेशिया की वेबसाइट के मुताबिक, इंडोनेशिया में फिलहाल 100,000 Rp, 50,000 Rp, 20,000 Rp, 10,000 Rp, 5000 Rp, 2000 Rp, 1000 Rp के नोट चलन में हैं।
किसी नोट पर गणेश की तस्वीर नहीं छपी है। सबसे अधिक मूल्य की करेंसी (100,000 Rp) पर इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सोएकर्नो की तस्वीर छपी है। अन्य नोटों पर भी अलग-अलग चेहरे चस्पा हैं लेकिन किसी पर भी गणेश की तस्वीर नहीं है।
1998 में छपी थी गणेश की तस्वीर
इंडोनेशिया में गणेश को कला और बुद्धि का ईश्वर माना जाता है। 1998 में छपे 20,000 मूल्यवर्ग के इंडोनेशियाई रुपिया पर स्वतंत्रता सेनानी Ki Hajar Dewantara और गणेश की तस्वीर छापी गई थी। करेंसी नोट के पिछले हिस्से पर कक्षा में बैठे बच्चों की तस्वीर थी। इस एक वर्ष के अलावा कभी भी इंडोनेशिया के नोट पर गणेश की तस्वीर नहीं छपी, केजरीवाल ने अपने झूठ को आगे बढ़ाते हुए कल एक बार फिर दोहराया कि इंडोनेशिया मुस्लिम बाहुल्य देश है लेकिन वहां करेंसी पर गणेश जी की तस्वीर लगा रहे हैं, वहां कोई विरोध नहीं कर रहा ह। सवाल यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री मुस्लिम नाम लेकर क्या संदेश देना चाहते हैं? जबकि स्पष्ट है कि इंडोनेशिया का अपना धर्म इस्लाम नहीं है और वहां मुसलमान बहुसंख्यक जरूर है, लेकिन राज्य का धर्म इस्लाम नहीं है, जैसे भारत में हिंदू बहुसंख्यक में है लेकिन भारत एक सेक्युलर राज्य ह।
एक इंटरव्यू के दौरान केजरीवाल ने उन आरोपों का जवाब दिया जिसमें कहा जा रहा था कि वह गुजरात प्रचार के दौरान हिंदुत्व का सहारा ले रहे हैं और भाजपा के रास्ते पर चल रहे है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया कि "मैं हिंदू हूं - अगर हिंदुत्व की बात नहीं करूंगा तो और क्या करूंगा" इस दौरान उन्होंने एक बार फिर लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीरों की मां को दोहराया और आरोप लगाया कि भाजपा-BJP ही इसका विरोध कर रही है, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद पूरे देश में उनका मजाक बना थ। लोग उनकी तुलना एक अनपढ़ से करने लगे थ। अब देखना यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री इस मामले में आगे क्या रुख अपनाते हैं.
अब सवाल यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल अपने हिंदुत्व के बयान के जरिए से संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बाबा साहब के अनुयायियों और मुसलमानों को क्या संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं और साथ ही देश की बड़ी मुस्लिम आबादी के साथ देश के क्रिश्चियन जैन और दूसरे समुदाय को भी कहीं धता दिखाने का प्रयास तो नहीं कर रहे हैं या पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है, इसका जवाब तो बहरहाल केजरीवाल के पास ही होगा और उन्हें सामने आकर इसका जवाब भी देना चाहिए कि वह अपने हिंदुत्व के जरिए से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के अनुयायी जो गौतम बौद्ध में विश्वास रखते हैं या मुस्लिम जो हिंदुत्व में विश्वास नहीं रखते और हिंदू समाज का एक बड़ा वर्ग जो खुद भी हिंदुत्व की बात नहीं करता बल्कि हिंदू और सनातन धर्म की बात करता है, आखिर केजरीवाल उनको क्या संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं और देश के क्रिश्चियन जैन बौद्ध और दूसरे समुदायों को क्या संदेश देने का प्रयास कर रहे, उन्हें इस का जवाब देना चाहि।
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