किसानों के आगे झुकी मोदी सरकार, वापस लिए तीनों विवादित कृषि कानून
सबसे पहले वतन समाचार ने दी थी इस आशय की जानकारी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। ज्ञात रहे कि इस आशय की जानकारी सबसे पहले वतन समाचार ने अपने सूत्रों के हवाले से दी थी।
दरअसल तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर तक़रीबन पिछले एक साल से किसान देश भर में आंदोलन कर रहे थे। दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी कानून वापस न लेने पर अड़ी हुई थी, जिसके चलते आंदोलनकारी किसानों को कई कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के विरोध का उत्तर प्रदेश और पंजाब के आगामी चुनावों में नतीजा आंकते हुए इन तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है।
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेते हुए कहा, ''आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूँ कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।'' आगे प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, ख़ासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गाँव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये क़ानून लेकर आई थी।''
Addressing the nation. https://t.co/daWYidw609
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि, "हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि क़ानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि क़ानून लाए गए थे।''
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा, ''आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि क़ानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे।''
इस मामले पर ज़्यादातर विपक्षी नेताओं और किसान समर्थकों ने किसानों को बधाई दी और किसानों की जीत को अहंकार व अन्याय के खिलाफ जीत बताया।
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!
जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
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